Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बड़ा दिन : सुप्रीम कोर्ट में आज धर्म परिवर्तन- पूजा स्थल मुद्दों पर सुनवाई

Webdunia
सोमवार, 9 जनवरी 2023 (11:20 IST)
सुप्रीम कोर्ट के लिए सोमवार का दिन अहम है। आज कोर्ट में दो बड़े मामलों पर सुनवाई होने जा रही है। ये दोनों ही मुद्दे देश के अहम मुद्दे हैं। ये दो मुद्दे जबरन धर्म परिवर्तन और पूजा स्थल कानून हैं। बता दें कि शीर्ष अदालत में याचिकाएं दायर कर जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की मांग की गई है तो वहीं पूजा स्थल कानून को चुनौती दी गई है।

उल्लेखनीय है कि दोनों ही मामलों पर पिछले साल के आखिर में सुनवाई हुई थी। पूजा स्थल कानून के मुद्दे पर 14 नवंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, वहीं जबरन धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर पिछली सुनवाई 5 दिसंबर को हुई थी।

पूजा स्थल कानून पर सुनवाई को लेकर प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की बेंच ने पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी समेत छह याचिकाओं को सूचीबद्ध किया है। ये याचिकाएं इस कानून के प्रावधानों को चुनौती देती हैं। बता दें कि पूजा स्थल कानून के अनुसार, धार्मिक स्थलों के 15 अगस्त 1947 के स्वरूप को बदलने के लिए मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है।

पूजा स्थल कानून को लेकर पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से और समय की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मामले के अलग-अलग पहलुओं को उजागर करते हुए एक विस्तृत हलफनामा केंद्र की ओर से शीर्ष अदालत में दाखिल किया जाएगा।

केंद्र के आग्रह पर 12 दिसंबर तक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है. साथ ही हलफनामे की कॉपी सभी वादियों को मुहैया कराने की बात कोर्ट ने कही थी। शीर्ष अदालत ने कहा था मामले पर अगली सुनवाई नौ जनवरी 2023 को होगी।

जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून बनाने की मांग वाली याचिकाओं को लेकर 5 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मसला माना था। इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र से एक विस्तृत हलफनामा मांगा था। हलफनामे में केंद्र ने जवाब दिया था कि लालच, धोखा और दबाव के चलते धर्म परिवर्तन कराना गंभीर मसला है। केंद्र ने अदालत के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए दलील दी थी कि धर्म के लिए प्रचार करना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, लेकिन जबरन धर्मांतरण कराना मौलिक अधिकार नहीं है। केंद्र की ओर से कहा गया था कि मामले पर जरूरी कदम उठाया जाएगा।
edited by navin rangiyal

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

दीपोत्सव 2024 : 1100 वेदाचार्य करेंगे सरयू आरती, अंतरराष्ट्रीय कलाकारों की होगी रामलीला, बनेंगे नए रिकॉर्ड

UP की सभी 9 सीटों पर SP लड़ेगी उपचुनाव, अखिलेश यादव का ऐलान

महाराष्ट्र : MVA के दलों में 85-85 सीट पर बनी बात, पढ़िए कहां फंसा है पेंच

Meerut : एनसीआर में पेट्रोल पंपों पर मिल रहा मिलावटी तेल, पेट्रोलियम पदार्थ के काले कारोबार का भंड़ाफोड़, 6 आरोपी पुलिस हिरासत में

Wayanad Election : प्रियंका गांधी ने घोषित की संपत्ति, जानिए कितनी अमीर हैं कांग्रेस महासचिव

આગળનો લેખ
Show comments