Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को नकारा, किरेन रिजिजू बोले- जनता देश की मालिक

कानून मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी को नकारा, किरेन रिजिजू बोले- जनता देश की मालिक
, शनिवार, 4 फ़रवरी 2023 (20:55 IST)
प्रयागराज (उप्र)। सरकार बनाम न्यायपालिका को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने शनिवार को यहां कहा कि इस देश का मालिक यहां की जनता है और ‘गाइड’ (मार्गदर्शक) इस देश का संविधान है। हम सब लोग (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) जनता के सेवक हैं। रिजिजू ने कहा कि कुछ खबरों में कहा कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है। जबकि यहां कोई किसी को चेतावनी नहीं दे सकता। हम जनता के सेवक हैं, हम संविधान के हिसाब से काम करते हैं।
 
रिजीजू इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 150वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे।
 
मंत्री ने कहा कि देश में कभी-कभी कुछ मामलों को लेकर चर्चा चलती है और लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। लेकिन जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों को कुछ कहने से पहले यह सोचना होगा कि इससे देश को फायदा होगा या नहीं।
 
रिजीजू ने कहा कि इस समय पूरे देश में 4 करोड़ 90 लाख मामले विभिन्न अदालतों में लंबित हैं। हम इस समस्या का समाधान निकाल रहे हैं। सबसे बड़ा उपाय प्रौद्योगिकी समाधान है। हाल ही में बजट में ई- कोर्ट फेज 3 के लिए 7000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
 
उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट होने के नाते मेरी इच्छा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ई-कोर्ट परियोजना लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाए। सरकार ने 1486 पुराने और चलन से बाहर के कानून समाप्त किए हैं वर्तमान संसद सत्र में ऐसे 65 कानून हटाने की प्रक्रिया चल रही है।
 
मंत्री ने कहा कि सरकार ने भारी संख्या में लंबित मामलों को देखते हुए लीगल इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (कानूनी सूचना प्रबंधन प्रणाली)लागू करने की तैयारी की है जिससे व्यक्ति किसी भी उच्च न्यायालय में मामला किस स्तर पर है, इसकी जानकारी एक क्लिक पर हासिल कर सकेगा।
 
रिजीजू ने कहा कि मध्यस्थता विधेयक तैयारी के अंतिम चरण में है और इसके पारित होने के बाद देश में समानांतर न्याय व्यवस्था स्थापित होगी। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता की व्यवस्था पूर्ण न्यायिक व्यवस्था होगी; इससे छोटे-छोटे मामले अदालत के बाहर ही निपट जाएंगे और अदालतों पर बोझ घटेगा।
 
समारोह में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा शामिल हुए। भाषा  Edited By : Sudhir Sharma

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Nagaland Assembly Election : नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की 21 उम्मीदवारों की पहली सूची