नई दिल्ली। कांग्रेस ने अडाणी एंटरप्राइजेज के मामले को लेकर गुरुवार को मांग की कि उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस पूरे मामले की जांच की जाए और उसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए तथा इस प्रकरण को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन हो। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अडाणी समूह पर कटाक्ष भी किया है।
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के अडाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने अडाणी समूह पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया कि अडाणी का नैतिक रूप से सही होने की बात कहना वैसे ही है, जैसे उनके प्रधान मेंटर द्वारा विनम्रता, सादगी और विशाल हृदयता के सद्गुणों का उपदेश देना। यह 'एंटायर पॉलिटिकल साइंस' है।
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने बातचीत में दावा किया कि मोदीजी, बहुत मेहनत करके जो गुब्बारा फुलाया, उसकी हवा निकल गई। सारे नियम-कानून ताक पर रखकर मोदीजी ने एक आदमी पाल-पोसकर बड़ा किया। यह मोदीजी और अडाणीजी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति थी? यह मामला हर भारतवासी के खून-पसीने की कमाई से जुड़ गया है। यह मामला सबकी जेब तक पहुंच गया।
खेड़ा का कहना था कि उन 45 करोड़ भारतीय नागरिकों के निवेश की सुरक्षा का सवाल है जिन्होंने एलआईसी में पैसा लगाया है। उन्होंने कहा कि अडाणीजी के 'प्राइम मेंटर' अब चुप हैं। मोदीजी कुछ बोल नहीं रहे हैं। मोदीजी आप एलआईसी के 45 करोड़ खाताधारकों को धोखा तो नहीं कर रहे हैं?
कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी 3 मांगें हैं- उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश की देखरेख में इस मामले की जांच हो जिसकी रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए। इस प्रकरण को लेकर जेपीसी का गठन हो। सार्वजनिक बैंकों और भारतीय जीवन बीमा निगम के अडाणी समूह में निवेश तथा निवेशकों के हितों की सुरक्षा को लेकर संसद में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए।
गौरतलब है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने बुधवार को अपने 20 हजार करोड़ रुपए के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को वापस लेने और निवेशकों का पैसा लौटाने की घोषणा की। हालांकि कंपनी के एफपीओ को मंगलवार को पूर्ण अभिदान मिल गया था। समझा जाता है कि अडाणी एंटरप्राइजेज ने यह कदम अमेरिका की 'शॉर्टसेलिंग' कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद उठाया है। हालांकि अडाणी समूह ने रिपोर्ट को निराधार बताया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta