नई दिल्ली। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को इस्तीफे की पेशकश कर दी। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह उन्हें मनाने में जुटे हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष के तौर अब काम नहीं करना चाहती। इसके बाद मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस के दो खेमों में नजर आने की स्थिति बनने के बीच पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई सीडब्ल्यूसी की बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है।
सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आया गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।
नेतृत्व के मुद्दे पर पार्टी दो खेमे में बंटी नजर आ रही है। हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।
पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले एक नेता ने कहा कि पत्र लिखने वाले नेताओं की पहली मांग थी कि सोनिया पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम करना जारी रखें और अगर वह ऐसा इरादा नहीं रखती हैं तो राहुल को अपना इस्तीफा वापस लेकर पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी पार्टी को चलाना चाहते हैं तो उन्हें इसकी घोषणा सीडब्ल्यूसी में करनी चाहिए कि वह अपना इस्तीफा वापस लेते हैं और पूर्णकालिक अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे। इस नेता का कहना है कि 23 नेताओं का यह समूह ‘आर-पार’ के लिए भी तैयार है।
इस पत्र से जुड़ी जानकारी सामने आने के बाद कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों और सांसदों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनके और राहुल गांधी के नेतृत्व में विश्वास जताया था।