नई दिल्ली। राकांपा के मुखिया शरद पवार ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के साथ ही राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया।
मानसून सत्र से पहले दो दिग्गजों की इस मुलाकात के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। करीब एक घंटे चली इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है। इस मुलाकात को महाराष्ट्र की राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस बैठक को मोदी सरकार के नवगठित सहकारिता मंत्रालय से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
माना जा रहा है कि इस मंत्रालय के जरिए सरकार शरद पवार पर शिकंजा कस सकती है। पिछले दिनों शिवसेना ने इस तरह का आरोप भी लगाया था कि सहकारी क्षेत्र में शरद पवार के वर्चस्व को कम करने के लिए इस मंत्रालय का गठन किया गया है।
इसमें कोई संदेह नहीं कि महाराष्ट्र की सहकारी लाबी में पवार का काफी वर्चस्व है। हाल ही में एनसीपी प्रमुख पवार ने मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि सहकारी बैंकों के अस्तित्व और उनके सहकारी स्वरूप की रक्षा की जानी चाहिए। इससे पहले पवार ने रक्षामंत्री राजनाथ से भी मुलाकात की थी। साथ केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी पवार से मुलाकात कर चुके हैं।