Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मोदी सरकार ने नहीं, राफेल बनाने वाली कंपनी ने ही चुना था अंबानी की रिलायंस को

Webdunia
शनिवार, 22 सितम्बर 2018 (15:56 IST)
नई दिल्ली। फ्रांस सरकार के बाद अब राफेल विमान बनाने वाली कंपनी डसाल्ट एविएशन ने भी फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के बयान पर सफाई देते हुई कहा है कि राफेल विमान सौदे में ऑफसेट समझौते के तहत खुद उसने ही अनिल अंबानी नीत रिलायंस समूह की कंपनी को साझेदार बनाया था। 
 
डसाल्ट की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि यह ऑफसेट समझौता रक्षा खरीद प्रक्रिया, 2016 के नियमों के तहत किया गया है। इसके तहत और मेक इन इंडिया नीति के अनुरूप डसाल्ट एविएशन ने भारत के रिलायंस समूह के साथ साझेदारी का निर्णय लिया था। यह डसाल्ट एविएशन की पसंद है और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रेपियर ने गत अप्रैल में एक साक्षात्कार में यह स्पष्ट भी किया था।
 
वक्तव्य में आगे कहा गया है कि इस साझेदारी के परिणामस्वरूप फरवरी 2017 में एक संयुक्त उपक्रम डसाल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड बनी। डसाल्ट एविएशन और रिलायंस ने फाल्कन और राफेल विमानों के कलपुर्जे बनाने के लिए नागपुर में एक सयंत्र बनाया है।
 
यह वक्तव्य भारत में फ्रांस के राजदूत एलेक्जेन्डर जिग्लेर ने ट्विटर पर पोस्ट किया है। नागपुर को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां हवाई अड्डे के निकट जमीन उपलब्ध है जो सीधे एयरपोर्ट रनवे से जुड सकती है। वैमानिकी गतिविधियों के लिए यह शर्त जरूरी है।
 
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान से भारतीय राजनीतिक हलकों में मचे बवाल के बाद फ्रांसीसी सरकार ने भी एक वक्तव्य जारी कर कहा था कि फ्रांसीसी कंपनियों को अपना भारतीय भागीदार चुनने की पूरी स्वतंत्रता है।
 
पूर्व राष्ट्रपति ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को डसाल्ट एविएशन का साझीदार बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार ने किया था और फ्रांस के पास इसे मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। डसाल्ट एविएशन ने यह भी कहा है कि उसने भारत की कुछ अन्य कंपनियों के साथ भी समझौते किए हैं। 
 
...और राहुल गांधी उवाच : दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील होने के 12 दिन पहले ही अनिल अंबानी ने कंपनी बनाई थी। प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर ही अंबानी को कांट्रेक्ट दिया गया था। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को चोर कहा था।
 
 
कांग्रेस का आरोप है कि उसकी अगुवाई वाली पिछली यूपीए सरकार जब 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए सौदा कर रही थी तो प्रत्येक राफेल विमान की कीमत 526 करोड़ रुपए तय हुई थी, लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के समय हुए करार में प्रत्येक राफेल विमान की कीमत 1670 करोड़ रुपए तय की गई।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

live : तट से टकराया चक्रवात दाना, ओडिशा और बंगाल में भारी बारिश, भद्रक में तबाही

उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर बवाल, हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 27 लोग घायल

Maharashtra : पुणे में पानी की टंकी गिरी, 5 श्रमिकों की मौत, 5 अन्य घायल

Cyclone Dana : चक्रवात दाना पर ISRO की नजर, जानिए क्या है अपडेट, कैसी है राज्यों की तैयारियां

भारत के 51वें CJI होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

આગળનો લેખ
Show comments