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प्रवीण तोगड़िया का दावा, मेरे सभी सोशल मीडिया खातों पर लगाई रोक

Praveen Togadia

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

इंदौर (मप्र) , शनिवार, 30 मार्च 2024 (00:25 IST)
Praveen Togadia's claim regarding social media accounts : अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संस्थापक अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने शुक्रवार को दावा किया कि गुजरे एक पखवाड़े में वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम सरीखे सोशल मीडिया मंचों पर उनके सभी खातों पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि इस रोक से उनके संगठन का मानव कल्याण का अभियान बाधित हो रहा है।
तोगड़िया ने इंदौर में कहा, पिछले 15 दिन में वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर मेरे सभी खाते बंद कर दिए गए हैं। मुझे पता नहीं है कि यह काम भारत के बाहर की किसी शक्ति ने किया है या इसमें धर्म विरोधियों का हाथ है, पर इस हरकत के कारण मानव कल्याण को लेकर हमारा अभियान जरूर बाधित हुआ है।
उन्होंने कहा कि वॉट्सऐप, फेसबुक और इंस्टाग्राम की शुरुआत से वह इन सोशल मीडिया मंचों पर हैं तथा हेल्पलाइन के जरिए मुफ्त राशन व चिकित्सा क्षेत्र में लाखों गरीबों की मदद कर रहे हैं। तोगड़िया ने कहा कि कोई व्यक्ति उनके सोशल मीडिया खातों को तो दबा सकता है, लेकिन उनके संगठन की हिंदुत्व की आवाज दबाने वाला कोई व्यक्ति इस पृथ्वी पर पैदा नहीं हुआ है।
 
लोकसभा चुनाव में देश की जनता को निर्णय करना है : विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता के कल्याण के लिए सत्ताधारी और विपक्षी दलों, दोनों का वजूद में बने रहना जरूरी है। तोगड़िया ने हालांकि कहा कि फिलहाल वह सत्ताधारी और विपक्षी दलों पर कोई विशिष्ट टिप्पणी नहीं करना चाहते क्योंकि आगामी लोकसभा चुनाव में देश की जनता को निर्णय करना है।
 
काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद मसले भी सुलझने चाहिए : विश्व हिंदू परिषद के पूर्व नेता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने और अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर बनने के बाद वह चाहेंगे कि देश में समान नागरिक संहिता तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू हो। तोगड़िया ने कहा कि काशी और मथुरा में मंदिर-मस्जिद के मसले भी सुलझने चाहिए।
 
भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर संबंधी विवाद : मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर संबंधी विवाद को लेकर पूछे गए सवाल का उन्होंने यह कहते हुए जवाब देने से इनकार कर दिया कि ताजा घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद ही वह इस विषय में कुछ कह सकेंगे।
मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से इस विवादित परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया था, जो लगातार जारी है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

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