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पीएनबी घोटाला : दो अधिकारी गिरफ्तार

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शनिवार, 17 फ़रवरी 2018 (22:44 IST)
नई दिल्ली। सीबीआई ने 11,400 करोड़ रुपए के कथित फर्जीवाड़े के मामले में शनिवार को पंजाब नेशनल बैंक के दो अधिकारियों (एक सेवानिवृत्त और एक सेवारत) तथा अरबपति व्यवसायी नीरव मोदी की कंपनी के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया तथा मुंबई में बैंक की ब्रैडी रोड स्थित शाखा पर छापेमारी की। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

सूत्रों ने बताया कि देश के सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक को लेकर सुर्खियों में आई शाखा की एजेंसी ने तलाशी ली तथा मामले से संबंधित दस्तावेज जब्त किए। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने बैंक शाखा के अधिकारियों से स्विफ्ट संदेश भेजने की प्रक्रिया, धन के अंतरराष्ट्रीय अंतरण के लिए बैंक द्वारा भेजी गई अधिसूचनाओं और बैंक के आंतरिक सॉफ्टवेयर की कार्यप्रणाली के बारे में पूछताछ की।

अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नीरव मोदी, उसकी कंपनियों और रिश्तेदार मेहुल चौकसी के खिलाफ 31 जनवरी को दर्ज की गई अपनी प्राथमिकी के संबंध में बैंक के सेवानविृत्त उप प्रबंधक गोकुलनाथ शेट्टी, एकल खिड़की संचालक मनोज खराट और हेमंत भट को हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि बैंक के छ: अन्य अधिकारियों से भी सीबीआई पूछताछ कर रही है।

प्राथमिकी में शुरू में करीब 280 करोड़ रुपए से अधिक के आठ फर्जी लेन-देन के मामले दर्ज किए गए थे, लेकिन बैंक से बाद में प्राप्त हुईं अन्य शिकायतों के आधार पर सीबीआई का अब कहना है कि पहली प्राथमिकी में जांच के दायरे में आई राशि 6,498 करोड़ रुपए की है जो शेट्टी और खराट द्वारा कथित तौर पर फर्जी तरीके से 150 साख पत्र (एलओयू) जारी करने से जुड़ी है।

अधिकारियों ने बताया कि गीतांजलि कंपनी समूह के लिए जारी किए गए करीब 4,886 करोड़ रुपए से अधिक के शेष 150 साखपत्र दूसरी प्राथमिकी का हिस्सा हैं। यह दूसरी प्राथमिकी चोकसी और उसकी कंपनियों गीतांजलि जेम्स, नक्षत्र ब्रांड्स और जिली के खिलाफ दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि ए सभी साखपत्र वर्ष 2017-18 के दौरान जारी या नवीकृत किए गए हैं।
 
तीन आरोपियों की हिरासत :  मुंबई की एक विशेष अदालत ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में गिरफ्तार तीन लोगों को 14 दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया। अदालत ने कहा कि इस घोटाले से देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी। सीबीआई ने अदालत से कहा है कि उसे मामले में पीएनबी के और अधिकारियों के संलिप्त होने का संदेह है। इस पूरे मामले के केंद्र में रहे हीरा कारोबारी नीरव मोदी बैंक की ओर से शिकायत दर्ज करने से पहले ही देश छोड़कर बाहर जा चुका था। एजेंसी ने कहा कि अभी तक इस पूरे घोटाले का सामने आना बाकी है।
 
इस घोटाले का पूरा आकार, दूसरे आरोपियों की पहचान, उनकी भूमिका और घोटाले में पहुंचे धन का अंतिम लाभ कहां पहुंचा इसका खुलासा होना बाकी है। सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायधीश एस.आर.तंबोली ने तीनों अभियुक्तों को तीन मार्च तक सीबीआई की हिरासत में भेजते हुए कहा कि इस घोटाले का देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा। यह अपराध काफी गंभीर है इसलिए इसकी जांच के लिए पूरा समय मिलना चाहिए। अदालत ने कहा कि सीबीआई द्वारा दायर रिमांड रिपोर्ट में 280 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी दिखाई गई है जो कि 6,000 करोड़ रुपए तक बढ़ सकती है।

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