Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

लोकसभा में उठा मणिपुर का मामला, विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की

कहा कि मणिपुर की रक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 7 अगस्त 2024 (15:27 IST)
case of Manipur : आंतरिक मणिपुर (Manipur) लोकसभा सीट से कांग्रेस सदस्य अंगोमचा बिमोल अकोइजम ने बुधवार को कहा कि मणिपुर की रक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार की है और उसे राज्य को नुकसान पहुंचाने वाली सांप्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
 
अकोइजम ने लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि मणिपुर पिछले 14 महीने से संकटपूर्ण स्थिति का सामना कर रहा है और विभाजनकारी तथा विदेशी ताकतें और अवैध आप्रवासी राज्य में शांति प्रयासों को अवरुद्ध कर रहे हैं।

ALSO READ: मणिपुर हो हाथरस या वायनाड, राहुल गांधी हर जगह पहुंचे, जिसकी जिम्‍मेदारी है वो क्‍यों नहीं जाते?
 
उन्होंने कहा कि शांति के प्रयास किए गए और जिरिबाम जिले में सुरक्षा बलों की मध्यस्थता में 2 समुदायों के बीच समझौता हुआ। दुर्भाग्य से सांप्रदायिक और विभाजनकारी ताकतों ने इन्हें नुकसान पहुंचाया। कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भारत सरकार की ऐतिहासिक, राजनीतिक, नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है कि वह मणिपुर की रक्षा करे, क्योंकि यह राज्य संविधान के लागू होने से पहले अस्तित्व में था, जैसा कि संविधान की अनुसूची 1 में उल्लेख है।
 
उन्होंने कहा कि 11 अगस्त 1947 को राज्य के तत्कालीन महाराजा द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्र में राज्य की रक्षा की जिम्मेदारी भारत सरकार को सौंपी गई थी इसलिए भारत सरकार को विदेशी तत्वों द्वारा सहायता प्राप्त इन विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

ALSO READ: जिंदगियां खतरे में हैं, घर जल रहे हैं, क्‍यों नहीं सुधर रहे मणिपुर के हालात, राहुल गांधी ने शेयर किया वीडियो
 
अकोइजम ने कहा कि मेरी इस सदन से और भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने की अपील है कि मणिपुर में अनुच्छेद 19 कारगर हो और लोग राजमार्गों तथा राज्य के अंदर के क्षेत्रों में स्वतंत्रता से आने-जाने में सक्षम हों। इस बात को लेकर प्रतिबंध नहीं होना चाहिए कि कोई क्षेत्र इस समुदाय का है या उस समुदाय का है।
 
अनुच्छेद 19 में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्वक और बिना हथियार के एकत्र होने, भारतीय क्षेत्र में निर्बाध रूप से घूमने और अन्य अधिकारों का उल्लेख है। मणिपुर के सांसद ने सरकार से विस्थापित लोगों की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
 
उन्होंने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की संपत्तियों की सुरक्षा होनी चाहिए। शांति प्रक्रिया बाधित करने के लिए घरों को नुकसान पहुंचाए जाने और गांवों को बर्बाद किए जाने की तस्वीरें आई हैं। एक बार गांव तबाह हो जाए तो आप वापस नहीं जा सकते। भारत सरकार को मणिपुर में विस्थापितों की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

क्‍या अब लुटियंस दिल्‍ली में रहती हैं पूर्व पीएम शेख हसीना, बांग्‍लादेश में क्‍यों नहीं थम रहा बवाल?

पहले दोस्त से सुहागरात का वीडियो बनवाया, फिर करने लगा ब्लैकमेल

शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय को दिग्विजय सिंह की नसीहत

बाल संत अभिनव अरोड़ा से गुस्‍साए स्वामी रामभद्राचार्य, स्टेज से उतारा-कहा नीचे उतरो

शुक्रवार को फिर मिली 25 से ज्‍यादा विमानों को बम से उड़ाने की धमकी

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra विधानसभा चुनाव के लिए BJP ने जारी की दूसरी लिस्ट, 22 उम्मीदवारों के नाम

AAP का BJP पर बड़ा आरोप, रच रही है केजरीवाल की हत्या की साजिश

Delhi Pollution : वायु प्रदूषण पर मंत्री गोपाल राय ने चेताया, केंद्र और राज्‍य सरकार से की यह अपील

Jammu Kashmir : कुलगाम में सेना का वाहन दुर्घटनाग्रस्त, 1 सैनिक की मौत, 13 अन्य घायल

Odisha : दाना चक्रवात के दौरान लोगों से दुर्व्यवहार, 4 सरकारी अधिकारी सस्‍पैंड

આગળનો લેખ
Show comments