Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Weather Updates: उत्तर भारत में बारिश का कहर, 38 की मौत, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर

Weather Updates: उत्तर भारत में बारिश का कहर, 38 की मौत, दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के ऊपर
, मंगलवार, 20 अगस्त 2019 (01:15 IST)
नई दिल्ली। देश के उत्तरी राज्यों में बारिश की वजह से कम से कम 38 लोगों की जान चली गई। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कई जगह हुए भूस्खलन की वजह से सैकड़ों लोग फंस गए हैं। वर्षा के कारण पंजाब, हरियाणा और जम्मू के कई इलाकों में बाढ़ आ गई है।
 
भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सोमवार को जम्मू और करनाल जिलों में बचाव अभियान चलाया। पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में प्रशासन अलर्ट पर है। समूचे क्षेत्र में सोमवार को बारिश में कमी आई है, लेकिन क्षेत्र में बह रही नदियां उफान पर चल रही हैं।
 
भाखड़ा बांध का जलस्तर 1 फुट ऊपर निकला : हरिद्वार और दिल्ली में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जबकि भाखड़ा बांध में जलस्तर तय सीमा से 1 फुट ऊपर निकल गया है। हिमाचल प्रदेश में 3 और लोगों की मौत होने की खबर है, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 हो गई है। राज्य में सप्ताहांत पर हुई भारी बारिश की वजह से बाढ़ आ गई और भूस्खलन हुआ।
 
यमुना नदी दिल्ली के 6 जिलों से गुजरती है जहां के निचल इलाकों में बाढ़ आ सकती है। प्रशासन ने दुर्घटनावश डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए 30 नौकाओं को तैनात किया है। वहीं नदी में पानी का स्तर बढ़ने से पूर्वी दिल्ली में स्थित निगम बोध घाट का एक हिस्सा पानी में डूब गया। यमुना नदी पर बने पुराने लोहे के पुल को एहतियाती उपाय के तहत यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
webdunia
उत्तराखंड में बादल फटने से मची तबाही : उत्तराखंड में सोमवार को 2 और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से एक दर्जन से ज्यादा गांवों में तबाही मची है। कोटा बैराज से चंबल में पानी छोड़ने की वजह से उत्तरप्रदेश के इटावा में 16 साल का लड़का डूब गया।
 
मानसरोवर यात्रा मार्ग में भूस्खलन : पारंपरिक लिपुलेख मार्ग से जाने वाली कैलाश मानसरोवर यात्रा रास्ते में भूस्खलन की वजह से रोकनी पड़ी है। पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी वीके जोगडांडे ने बताया कि सुरक्षा कारणों से 56 तीर्थयात्रियों वाले 17वें जत्थे को आधार शिविर वापस बुला लिया गया है।
 
गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर : उत्तराखंड में अधिकतर नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी हरिद्वार में खतरे के निशान को पार कर गई है और ऋषिकेश में खतरे के निशान के करीब बह रही है। उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सोमवार को मौसम साफ होने के बाद बचाव अभियान को गति दी गई तो शाम में मकुदी से 2 शव मिले। उन्होंने बताया कि 5 लेाग अब भी लापता हैं।
 
अब तक मकुदी में मलबे में से 6, अराकोट से 4 और तिकोची और सनेल से 1-1 शव को निकाला गया है। मोरी खंड में बादल फटने से 60 मवेशी भी मारे गए हैं। लोगों तक खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर सहित 3 हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया है।
 
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि सोमवार को राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश होगी, लिहाजा 13 जिलों के स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहे। हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक राज्य में भूस्खलन और बाढ़ की वजह से 500 से ज्यादा लेाग फंस गए हैं। बारिश की वजह से अब तक 574 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
webdunia
पंजाब और हरियाणा में स्थिति गंभीर : पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, जहां वायुसेना ने 9 लोगों को बचाया है। एक रक्षा विज्ञप्ति में बताया गया है कि सेना और एनडीआरएफ तथा राज्य प्रशासन पंजाब और हरियाणा में बचाव अभियान चला रहा है। अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में वायुसेना ने हेलीकॉप्टर के जरिए उफान पर चल रही तवी नदी में फंसे 4 मछुआरों को बचाया।
 
उत्तरकाशी में बादल फटने से 12 लोगों की मौत, 5 लापता : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के आराकोट और आसपास के क्षेत्र में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 12 हो गई, जबकि पिछले 2 दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है।
 
अभी तक माकुडी से 6, आराकोट से 4 और टिकोची और सनेल से 1-1 शव बरामद हुए हैं। जिले के प्रभावित क्षेत्रों में अभी 5 अन्य लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गए हैं।
 
उत्तरकाशी के प्रभावित आराकोट क्षेत्र में तबाही का जायजा लेकर लौटे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए आराकोट में संचार सुविधाओं से युक्त आधार शिविर स्थापित किया गया है।
 
गुंज्याल ने बताया कि प्रभावित हुए करीब आधा दर्जन गांवों की जनता से संपर्क स्थापित कर लिया गया है जबकि भारी वर्षा के कारण बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ का पानी भर जाने की आशंका वाले 6 अन्य गांवों से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।
webdunia
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुऐ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान जताया है, जिसके मद्देनजर प्रदेश के 13 में से 9 जिलों में सोमवार को स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहे।
 
गंगा और यमुना समेत अनेक नदियां उफान पर : प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर लगातार बारिश के कारण गंगा और यमुना सहित सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के नजदीक बह रही हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान 294.450 मीटर को पार कर गई है, जिसके कारण लक्सर क्षेत्र के कई गांवों में धान और गन्ने की 30 हजार बीघा फसलों को नुकसान पहुंचा है।
 
जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि इस क्षेत्र के 30 गांवों के लोगों को सतर्क करने के साथ ही बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। ऋषिकेश में भी सोमवार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी रेखा को पार करके खतरे के निशान 340.50 मीटर से महज 28 सेंटीमीटर नीचे रह गया है।
 
ऋषिकेश में गंगा के 340.22 मीटर जलस्तर पर बहने के कारण त्रिवेणी घाट जलमग्न हो गया और वहां पार्किंग में खड़े 3 वाहनों को बमुश्किल बाहर निकाला जा सका। ऋषिकेश के चन्द्रेश्वर नगर के निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया जिसके बाद वहां फंसे लोगों को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
Photo courtesy: twitter

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

लता मंगेशकर को छोटी बहन मानते थे महान संगीतकार ख़य्याम साहब