जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर की एक घटना खूब चर्चाओं में हैं। जोधपुर रेलवे स्टेशन पर एक यात्री के आरक्षण (Reservation) फॉर्म में एंट्री सही होने का बाद भी रेलवे कर्मचारी ने गलती से टिकट में उसके नाम के आगे फीमेल अंकित कर दिया, जिसके बाद टिकट परीक्षक ने उसे बेटिकेट मानकर उससे 330 रुपए की पेनाल्टी भी वसूल ली। व्यक्ति ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत की। आयोग ने इसे सेवा में चूक मानते हुए रेलवे पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है।
खबरों की मानें तो ये मामला शुरू हुआ आज से लगभग 12 साल पहले 2009 में, जब जोधपुर के भोपालगढ़ निवासी महेश ने 29 सितंबर 2009 को खुद के साथ-साथ अपनी मां और बहन के लिए अहमदाबाद से जोधपुर जाने के लिए सीट रिजर्वेशन का फॉर्म भरा था। बुकिंग कर्मचारी ने मां और बहन के साथ-साथ महेश के नाम के आगे भी फीमेल लिख दिया। महेश की शिकायत के बाद भी इस गलती को रेलवे द्वारा सुधारा नहीं गया।
तय दिन यात्रा के बाद, जब वह ट्रेन से उतरा तो रेलवे स्टेशन पर खड़े टिकट परीक्षक ने उसे बेटिकट बताकर 330 रुपए का जुर्माना वसूल लिया। साथ ही साथ परीक्षक ने महेश को पुलिस कार्रवाई की धमकी भी दी।
महेश ने इस मामले की शिकायत उपभोक्ता आयोग में की, जिसके कई सालों बाद उसे इंसाफ मिला। आयोग के अध्यक्ष डॉ श्यामसुंदर लाटा ने मामले की सुनवाई के बाद इसे रेलवे कर्मचारियों की गलती माना और यात्री से किए गए व्यवहार को भी अनुचित माना। उपभोक्ता आयोग ने जुर्माना राशि 330 रुपए वापस लौटाने और परिवादी महेश की शारीरिक व मानसिक पीड़ा की क्षतिपूर्ति के लिए 50 हजार रुपए का हर्जाना रेलवे द्वारा भुगतान किए जाने का आदेश जारी किया है।