Chidambaram on UCC: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यूसीसी की वकालत करते हुए एक देश की तुलना एक परिवार के साथ की है। आभासी तौर पर उनकी तुलना सही प्रतीत हो सकती है, लेकिन सच्चाई काफी अलग है। एक परिवार का तानाबाना रक्त संबंधों से बनता है। एक राष्ट्र को एक संविधान से जोड़ा जाता है, जो एक राजनीतिक-कानूनी दस्तावेज है।
पीएम मोदी की ओर से समान नागरिक संहिता की पुरजोर वकालत किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच विभाजन बढ़ेगा।
चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, 'प्रधानमंत्री ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यूसीसी साधारण प्रक्रिया है। उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें कहा गया है कि यह इस वक्त सुसंगत नहीं है।'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि प्रधानमंत्री बेरोजगारी, महंगाई और घृणा अपराध जैसे मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए समान नागरिक संहिता की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा समान नागरिक संहिता का इस्तेमाल समाज के ध्रुवीकरण के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि एक परिवार में भी विविधताएं होती हैं। भारत का संविधान लोगों के बीच विविधता तथा बहुलता को मान्यता देता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी के कारण देश आज बंटा हुआ है। ऐसे में लोगों पर थोपा गया यूसीसी विभाजन को और बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री का यूसीसी के लिए पुरजोर आग्रह का मकसद मंहगाई, बेरोजगारी, घृणा संबंधी अपराध, भेदभाव आदि मुद्दों से ध्यान हटाना है। लोगों को इससे सतर्क रहने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सुशासन में नाकाम रही भाजपा अगला चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए यूसीसी का इस्तेमाल कर रही है।
Edited by : Nrapendra Gupta