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यूनिफॉर्म सिविल कोड, पसमांदा मुसलमानों और ट्रिपल तलाक का जिक्र कर PM मोदी ने सेट किया 2024 का BJP का एजेंडा

यूनिफॉर्म सिविल कोड, पसमांदा मुसलमानों और ट्रिपल तलाक का जिक्र कर PM मोदी ने सेट किया 2024 का BJP का एजेंडा
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विकास सिंह

, मंगलवार, 27 जून 2023 (17:13 IST)
भोपाल। भोपाल में मंगलवार को मेरा बूथ,सबसे मजबूत अभियान के जरिए पीएम मोदी साल के अंत में  चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का एजेंडा सेट कर गए। अपने दो घंटे लंबे भाषण में पीएम मोदी ने देश भर के 10 लाख बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए  चुनावी कार्ययोजना को विस्तार से बताया। अगर पीएम मोदी के पूरे भाषण का सियासी विश्लेषण किया जाए तो एक बात साफ है कि भाजपा अपने कोर वोटरों के साथ अब मुस्लिमों के एक बड़े वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रही है।    
 
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुसलमानों को भड़काने की कोशिश- इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के जरिए देश में समान नागरिक संहिता को लेकर अपनी सरकार का रूख साफ कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के मुसलमानों भाई-बहनों को भी समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हें भड़का कर उनका फायदा लेने के लिए उनको बर्बाद कर रहे है। आज कल हम देख रहे हैं कि यूनिफॉर्म सिविल कोड के के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। यदि एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए कुछ और कानून हो और परिवार के दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो तो कैसे परिवार चलेगा। ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैस चल पाएगा। भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट बार-बार कह रही है कि कॉमन सिविल कोड लाओ, लेकिन यह वोट बैंक के भूखे लोग। 
 
ट्रिपल तलाक पर मोदी की दो टूक-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि "मुझे लगता है कि जो भी तीन तलाक के बारे में बात करते हैं. ये वो लोग हैं जो मुस्लिम बेटियों के साथ अन्याय चाहते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि तीन तलाक से तो सिर्फ महिलाओं की ही बात हो रही है। इससे सिर्फ बेटियों को नुकसान नहीं होता. इसका दायरा काफी बड़ा है। परिवार बहुत अरमानों के साथ बेटी की शादी करता है और कोई तीन तलाक कहके उसे निकाल दे तो उस परिवार का क्या होगा, जिसकी बेटी निकाल दी जाती है. इससे पूरे परिवार तबाह हो जाते हैं। इन लोगों ने मुस्लिम बेटियों और गरीबों के उत्पीड़न के लिए इसे बनाए रखा था. यहीं वजह है कि भाजपा और मोदी के साथ हर जगह मुस्लिम बेटियां खड़ी हैं।"

पसमांदा मुसलमानों पर विशेष फोकस-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों के एक बड़े वर्ग पसमांदा मुसलमानों को संदेश देते हुए कहा कि "देश में कुछ दल मुसलमान-मुसलमान लगाए रहते हैं, लेकिन उनके ही पसमांदा वर्ग का शोषण हुआ है। आप हमारे मुसलमान भाई-बहनों की तरफ देखोगे तो पसमांदा मुस्लिमों के साथ वोट बैंक की राजनीति के शिकार हैं। उनका जीना मुश्किल करके रखा गया है। वे कष्ट में गुजारा करते हैं."
 
पीएम मोदी ने कहा कि “पसमांदा मुसलमानों की आवाज सुनने के लिए कोई तैयार नही है। उनके ही धर्म के एक वर्ग ने पसमांदा का इतना शोषण किया है लेकिन इस पर देश में कभी चर्चा नहीं हुई। पसमांदा मुसलमानों को बराबरी का हक नहीं मिलता। पसमांदा मुसलमानों को नीचा और अछूता समझा जाता है। पसंमाद मुसलमान मोची, लालवेगी, भटियारा, मेरासी, डफाली, मुकेरी, मदारी, जुलाहा, लम्बाई, बेजा, बामणिया, लहरी,हलदर और सिकदर मुसलमानों को निशाना बनाया जाता है। इसका नुकसान उनकी कई पीढियों को भुगतना पड़ा, लेकिन भाजपा देश के हर नागरिक के लिए सबका साथ और सबका विकास की भावना से काम कर रही है। आयुष्मान योजना ने उन्हें भी स्वास्थ्य सुविधा का हक दिया है और पीएम आवास योजना के तहत उनको भी पक्का घर मिल रहा है। भाजपा कार्यकर्ता जब मुसलमान भाई-बहनों के बीच इन तथ्यों और तर्को के साथ जाएंगे तो उनका भ्रम दूर होगा।" 

पसमांदा मुसलमान पर भाजपा की निगाहें क्यों?-भोपाल से पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने का दो टूक संदेश दिया। ऐसे में इसको भी समझना जरूरी है कि आखिरी क्यों भाजपा पसमांदा मुसलमानों को अपने से जोड़ना चाह रही है।
 
दरअसल देश की पूरी मुस्लिम आबादी में पसमांदा मुसलमानों की हिस्सेदारी 80 फीसदी है। पसमांदा से आशय पिछड़े मुसलमानों से है और भाजपा की नजर अब इसी वोट बैंक पर है। ऐसे में भाजपा ने मिशन 2024 के लिए पसमांदा मुस्लिमों को अपने खेमे में लाने पर पूरा जोर दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य पसमांदा मुसलमानों को भाजपा के खेमे में लाना है। पसमांदा मुसलमानों को आर्थिक रूप से मजबूत कर सरकार की योजनाओं का लाभ दिलवाकर भाजपा इस बड़े समुदाय को अपने साथ लाने की कोशिश में है जिससे 2024 में उसके 50 फीसदी वोटर शेयर का लक्ष्य पूरा हो सके।
 
देश में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी उत्तर प्रदेश में है और राज्य में पसमांदा मुस्लिमों की संख्या 3 करोड़ से अधिक है। मिशन 2024 को फतह करने के लिए लिए भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत हासिल करना जरूरी है। ऐसे में पसमांदा मुसलमानों को साधकर भाजपा अपने वोट शेयर बढ़ाना चाह रही है।

वहीं मध्यप्रदेश जैसे चुनावी राज्य में पसमांदा मुसलमानों की संख्या अच्छी संख्या में है। 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश की कुल आबादी में 6.57  प्रतिशत मुसलमान हैं यानी राज्य में करीब 50 लाख मुस्लिम आबादी हैं। प्रदेश में मुस्लिम समुदाय में पसमांदा मुस्लिमों की संख्या करीब 60 प्रतिशत के करीब यानि 30 लाख है। 
 
वहीं साल के अंत में ही होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव में मुसलमान वोटरों की बड़ी संख्या है। तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी पूरी ताकत लगा दी है और भाजपा के मिशन तेलंगाना के लिए मुस्लिम वोट को साथ लाना बहुत जरूरी है। अगर वोटरों के आंकडें को देखा जाए तो तेलंगाना की साढ़े तीन करोड़ की आबादी में से 12 फीसदी मुस्लिम वोटर विधानसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाता है। 2018 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम वोटर बड़ी संख्या में टीआरएस के साथ गए थे। इसके साथ हैदाराबाद के शहर इलाको में मुस्लिम वोटर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की भी पकड़ है। ऐसे में अगर भाजपा को दक्षिण के इस किले में सेंध लगानी है तो उसके मुस्लिम वोटर को भी साधना होगा। 

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