चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की ओर से रविवार शाम 6 बजकर 43 मिनट पर चंद्रयान-2 की लांचिंग की उलटी गिनती शुरू कर दी गई है। इस दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणाली की जांच की जाएगी और रॉकेट के इंजन को शक्ति प्रदान करने के लिए ईंधन भरा जाएगा। जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट को 'बाहुबली' नाम दिया गया है। जानिए चन्द्रयान-2 से जुड़ी 5 खास बातें-
1. इसरो ने अपने 44 मीटर लंबे जियोसिनक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क-3 (जीएसएलवी-एमके-3) की गड़बड़ी दूर की। 640 टन वजनदार जीएसएलवी-एमके-3 को बाहुबली फिल्म के नायक के नाम पर बाहुबली नाम दिया गया है। फिल्म के एक सीन में जिस तरह नायक भारी शिवलिंग को उठाता है उसी तरह यह रॉकेट 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को लेकर जाएगा।
2. जीएसएलवी-एमके-3 रॉकेट की लागत 375 करोड़ रुपए है जबकि चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ रुपए है। यह रॉकेट अपनी करीब 16 मिनट की उड़ान के दौरान चंद्रयान-2 को इसकी 170 गुणा 40400 किलोमीटर की कक्षा में प्रक्षेपित करेगा।
3. इसरो के अनुसार ‘चंद्रयान-2’ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरेगा, जहां वह इसके अनछुए पहलुओं को जानने का प्रयास करेगा। इससे 11 साल पहले इसरो ने अपने पहले सफल चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-1’ का प्रक्षेपण किया था जिसने चंद्रमा के 3,400 से अधिक चक्कर लगाए और यह 29 अगस्त, 2009 तक 312 दिन तक काम करता रहा।
4. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने बताया कि सभी तैयारियां हो गई हैं और गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है। प्रक्षेपण यान अच्छी स्थिति में है। प्रक्षेपण से पहले का अभ्यास सफलतापूर्वक ढंग से पूरा किया गया है। इसरो प्रमुख ने कहा कि वैज्ञानिक चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में चन्द्रयान-2 के लैंडर को उतारेंगे जहां अब तक कोई देश नहीं गया है।
5. चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण 14 जुलाई देर रात 2:51 बजे होना था। मिशन के प्रक्षेपण से 56 मिनट 24 सेकंड पहले मिशन नियंत्रण कक्ष से घोषणा के बाद रात 1.55 बजे रोक दिया गया था।