Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कुमारस्वामी की बागियों से लौटने की अपील, येदियुरप्पा बोले- आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन

कुमारस्वामी की बागियों से लौटने की अपील, येदियुरप्पा बोले- आज कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन
, सोमवार, 22 जुलाई 2019 (00:37 IST)
बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस-जद(एस) सरकार का फैसला सोमवार को विधानसभा में विश्वासमत से होने की संभावना है। वहीं मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बागी विधायकों से वापस लौटने और सदन में चर्चा के दौरान भाजपा को बेनकाब करने की अपील की। हालांकि बागी विधायकों ने सत्र में हिस्सा लेने की संभावना खारिज की।
 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने भरोसा जताया है कि सोमवार कुमारस्वामी सरकार का आखिरी दिन होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल समय हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
 
गठबंधन के विधायकों के इस्तीफों के बाद एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार ने 19 जुलाई को बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला द्वारा दी गई दो समय-सीमाओं का पालन नहीं किया था। वहीं कांग्रेस-जदएस सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने इस अनुरोध के साथ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है कि राज्य विधानसभा में तत्काल ही शक्ति परीक्षण कराया जाने का निर्देश दिए जाए।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि निर्दलीय विधायकों आर शंकर और एच नागेश ने अपनी अर्जी में एच डी कुमारस्वामी सरकार को यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वह 22 जुलाई को शाम पांच बजे या उसके पहले शक्ति परीक्षण करे। याचिका सुनवाई के लिए 22 जुलाई को न्यायालय के ध्यानार्थ लाए जाने की संभावना है।
 
इन खबरों के बीच सरकार इस उम्मीद से विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा खींचने की अब भी कोशिशें कर रही है कि उच्चतम न्यायालय से कोई ना कोई राहत मिल जाएगी। 
 
कुमारस्वामी ने रविवार को एक बयान में कहा, 'विश्वासमत पर चर्चा के लिए समय लेने का मेरा इरादा केवल यह है कि पूरा देश यह जान सके कि नैतिकता की बात करने वाली भाजपा लोकतंत्र के साथ ही संविधान के सिद्धांतों को पलटना चाहती है।' उन्होंने बागी विधायकों को बातचीत की पेशकश की ताकि उनके मुद्दों का समाधान किया जा सके।
 
यद्यपि मुम्बई के होटल में रुके बागी विधायकों ने जोर देकर कहा कि वे वापस नहीं लौटेंगे और इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उन्हें बंधक बनाया गया है।
 
जदएस के बागी विधायक के गोपालैयाह ने 10 अन्य विधायकों के साथ एक वीडियो संदेश में कहा, 'हमने सोचा था कि यह सरकार राज्य के लिए अच्छा करेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कल विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने का कोई सवाल ही नहीं है।' 
 
लोकसभा चुनाव के बाद जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने वाले एच विश्वनाथ ने कहा, 'गठबंधन के नाम पर राजनीति ने लोगों का कोई भला नहीं किया और विधायकों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया।'
 
वरिष्ठ मंत्री और कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार ने दावा किया कि कुमारस्वामी ने कांग्रेस से कहा है कि वह गठबंधन को बचाने के लिए अपनी पसंद के किसी भी नेता को मुख्यमंत्री नामित कर सकती है।
 
यद्यपि जदएस की ओर से इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई कि उसने ऐसा कोई प्रस्ताव दिया है। हालांकि पहले ऐसी खबरें थी कि कुमारस्वामी के ऐसे सुझाव को उनके पिता एवं जदएस सुप्रीमो एच डी देवेगौड़ा ने खारिज कर दिया था।
 
कुमारस्वामी और कांग्रेस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रूख कर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ने उस वक्त विधानसभा की कार्यवाही में हस्तक्षेप किया, जब विश्वास मत पर चर्चा चल रही थी। साथ ही, उन्होंने 17 जुलाई के शीर्ष न्यायालय के आदेश पर भी स्पष्टीकरण मांगा है।
 
कुमारस्वामी ने रविवार को भाजपा पर तीखा हमला बोला और उस पर अपनी अनैतिक राजनीति से नए निम्न स्तर पर उतरने का आरोप लगाया।
 
उन्होंने कहा, 'यह अत्यंत पीड़ा का विषय है कि भाजपा न केवल कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य को एक नये निम्न स्तर पर ले गई है, बल्कि अनैतिक राजनीति के लिए देश में एक नए निम्न स्तर को छुआ है। भाजपा सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को बलपूर्वक ले जाकर लोकतंत्र का मजाक बनाया है।'
 
कुमारस्वामी को मिला मायावती का साथ : इस बीच गठबंधन को थोड़ी राहत तब मिली जब बसपा प्रमुख मायावती ने कर्नाटक में अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक एन महेश को विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट करने का निर्देश दिया। 
 
इस बीच, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि उनकी नैतिकता तब कहां गई थी जब जदएस और कांग्रेस चुनाव अलग अलग लड़ने के बाद सत्ता की भूख शांत करने के लिए साथ आ गई थी। 
 
शुक्रवार को दोपहर डेढ़ बजे की समय सीमा और विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया शुक्रवार तक संपन्न करने की समय सीमा को नजदअंदाज किए जाने के बाद विधानसभा की कार्यवाही सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई थी। सत्तारूढ़ गठबंधन ने समय सीमा का निर्देश देने की राज्यपाल की शक्तियों पर सवाल उठाया है।
 
यद्यपि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करने से पहले गठबंधन से यह वादा लिया था कि विश्वास मत सोमवार को निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में इसे और अधिक नहीं टाला जाए।
 
विश्वास प्रस्ताव पर सत्तापक्ष द्वारा अपने विधायकों की लंबी सूची को बोलने का मौका दिये जाने पर जोर दिया है और चर्चा पूरी होनी बाकी है, ऐसे में राजनीतिक गलियारों में ये सवाल उठ रहे हैं कि क्या सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। यदि सत्तारूढ़ गठबंधन सोमवार को भी इसे टालने की कोशिश करती है तो फिर सारी नजरें राज्यपाल के अगले कदम पर होंगी।
 
येदियुरप्पा का दावा : येदियुरप्पा ने पहले ही दावा किया है कि कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन के पास महज 98 विधायक हैं और वह बहुमत खो चुका है। जबकि भाजपा के पास 106 विधायक हैं और वह एक वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए सहज स्थिति में है।
 
करीब 16 विधायकों -- कांग्रेस के 13 और जद(एस) के तीन विधायकों ने इस्तीफा दिया है। जबकि दो निर्दलीय विधयकों ने भी गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और वे अब भाजपा का समर्थन कर रहे हैं।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

साध्वी प्रज्ञा का विवादित बयान, मैं नाली, शौचालय साफ करने के लिए नहीं बनी हूं सांसद