Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

Agneepath Scheme Protest : 'अग्निपथ' के विरोध पर सरकार ने दी सफाई, कहा- सेना की रेजीमेंट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा...

Webdunia
गुरुवार, 16 जून 2022 (20:02 IST)
नई दिल्ली। 'अग्निपथ योजना' के तहत सेना की रेजीमेंट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है और इसके लागू होने के पहले वर्ष में भर्ती कर्मियों की संख्या सशस्त्रों बलों की केवल 3 प्रतिशत होगी। सरकारी सूत्रों ने देश के कई हिस्सों में नई प्रणाली के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार को यह बात कही।

सूत्रों ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा करने के अवसरों को बढ़ाना है और इसके तहत कर्मियों की भर्ती सशस्त्र बलों में मौजूदा भर्ती की लगभग तीन गुनी होगी। सूत्रों ने हालांकि तुलना की अवधि निर्दिष्ट नहीं की।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को थल सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया। इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा।

योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सेना के तीनों अंगों में भर्ती किया जाएगा। चार साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद, योजना में नियमित सेवा के लिए 25 प्रतिशत सैनिकों को बनाए रखने का प्रावधान है।

कई राज्यों में इस नई योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन देखा गया है। कई विपक्षी राजनीतिक दलों और सैन्य विशेषज्ञों ने भी इस योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे सशस्त्र बलों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

ऐसी आशंकाएं थीं कि 'अग्निपथ' योजना कई रेजीमेंटों की संरचना को बदल देगी जो विशिष्ट क्षेत्रों के साथ-साथ राजपूतों, जाटों और सिखों जैसी जातियों के युवाओं की भर्ती करती हैं। एक सूत्र ने कहा, रेजीमेंट प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वास्तव में इसे और तेज किया जाएगा क्योंकि सर्वश्रेष्ठ 'अग्निवीर' का चयन किया जाएगा, जिससे इकाइयों की एकजुटता को और बढ़ावा मिलेगा।

इस आलोचना पर कि 'अग्निवीर' का कम अवधि का कार्यकाल सशस्त्र बलों की प्रभावशीलता को नुकसान पहुंचाएगा, सूत्रों ने कहा कि ऐसी प्रणाली कई देशों में मौजूद है और इसलिए, यह पहले से ही जांची-परखी है और इसे एक चुस्त सेना के लिए सर्वोत्तम अभ्यास माना जाता है।

उन्होंने कहा कि पहले वर्ष में भर्ती होने वाले 'अग्निवीरों' की संख्या सशस्त्र बलों की केवल तीन प्रतिशत होगी और चार साल बाद सेना में फिर से शामिल किए जाने से पहले उनके प्रदर्शन का परीक्षण किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि दुनियाभर में ज्यादातर सेनाएं अपने युवाओं पर निर्भर करती हैं और नई योजना से एक लंबे समय में पर्यवेक्षी रैंक में युवाओं और अनुभवी कर्मियों का मिश्रण 50 प्रतिशत-50 प्रतिशत होगा। सूत्रों ने कहा कि यह योजना पिछले दो वर्षों में सशस्त्र बलों के अधिकारियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद शुरू की गई है।

उन्होंने कहा कि प्रस्ताव सैन्य अधिकारियों के विभाग द्वारा तैयार किया गया है। सूत्रों ने इस आलोचना को भी खारिज कर दिया कि सशस्त्र बलों से बाहर निकलने के बाद 'अग्निवीर' समाज के लिए खतरा हो सकते हैं। सूत्र ने दावा किया, यह भारतीय सशस्त्र बलों के लोकाचार और मूल्यों का अपमान है। चार साल तक वर्दी पहनने वाले युवा जीवनभर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।

इसमें कहा गया है, अब भी हजारों लोग कौशल के साथ सशस्त्र बलों से सेवानिवृत्त होते हैं, लेकिन उनके राष्ट्र विरोधी ताकतों में शामिल होने का कोई उदाहरण नहीं है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Election Results : कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र और झारंखड पर जनता का फैसला, सत्ता की कुर्सी पर कौन होगा विराजमान

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

આગળનો લેખ
Show comments