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'अग्निपथ' के विरोध में उतरे CM अरविंद केजरीवाल, बोले- युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी दी जाए...

'अग्निपथ' के विरोध में उतरे CM अरविंद केजरीवाल, बोले- युवाओं को पूर्णकालिक नौकरी दी जाए...
, गुरुवार, 16 जून 2022 (19:23 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार को 'अग्निपथ योजना' का विरोध कर रहे सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के समर्थन में सामने आए और केंद्र सरकार से अपील की कि युवाओं को सिर्फ 4 साल नहीं, बल्कि जीवनभर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए।उन्होंने कहा कि युवा नाराज़ हैं और देश में हर तरफ इस योजना का विरोध कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी।

केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, केंद्र सरकार से अपील है कि युवाओं को चार साल नहीं, बल्कि पूरी जिंदगी देशसेवा करने का मौका दिया जाए। पिछले दो साल सेना में भर्तियां नहीं होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गए हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए।

उन्होंने कहा कि युवा नाराज़ हैं और देश में हर तरफ अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं। सरकार की इस घोषणा के बाद से खासकर बिहार में सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के बीच रोष व्याप्त है। बाहरी दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर गुरुवार को एक दर्जन से अधिक आकांक्षी युवाओं ने पटरियों पर लेटकर एक ट्रेन का मार्ग अवरुद्ध किया।

सेना की भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर जगह विरोध हो रहा है। केजरीवाल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, युवा बहुत नाराज़ हैं। उनकी मांग एकदम सही है। सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को चार साल में बांधकर मत रखिए।

पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में रेलवे भर्ती परीक्षाओं में देरी और अग्निपथ योजना के विरोध में सुबह करीब नौ बजकर 45 मिनट पर नांगलोई रेलवे स्टेशन पर करीब 15-20 लोग जमा हुए। इसने कहा कि उन्होंने एक ट्रेन को रोका जो हरियाणा के जींद से पुरानी दिल्ली के लिए जा रही थी।

केंद्र की योजना के तहत, चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जाएगा और शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है।(भाषा)

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