नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि देश में कश्मीरी पंडितों का पलायन दो बार हुआ है। पहला 1990 में जब केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार थी, दूसरा अब जब केंद्र में पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार है। कश्मीर में पहली बार कश्मीरी पंडितों के पलायन के वक्त 1990 में भाजपा के नेता जगमोहन कश्मीर के राज्यपाल थे, जिनको बाद में मोदी सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की नृशंस हत्या की जा रही है। भाजपा की केंद्र सरकार उनको सुरक्षा देने में नाकाम रही है। कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। वह अपने ही देश में विदेशी और बेगाने हो गए हैं। कश्मीरी पंडित अपने छोटे-छोटे बच्चों, बूढ़े मां-बाप, पत्नी के साथ कश्मीर छोड़कर पलायन कर रहे हैं। भाजपा के नेता वादे करते थे कि कश्मीरी पंडितों को ले जाकर बसाया जाएगा। इनको बसाना तो दूर की बात है, जो वहां पर बचे थे, उनको भी भाजपा के राज में पलायन करना पड़ रहा है।
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा और चिंता करने के बजाय, भाजपा की सारी चिंता विपक्ष के नेताओं को कैसे फंसाया जाएगा, इसमें लगी हुई है। कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाकर पूरे देश में उनके दर्द को बेचने और राजनीति करने का काम किया गया है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आज पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया। संजय सिंह ने कहा कि कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों से आज दर्दनाक बातें सुनने को मिल रही हैं, जिससे पूरा देश दुखी, पीड़ित है। कश्मीरी पंडितों का बड़े पैमाने पर पलायन हो रहा है। अपने ही देश में कश्मीरी पंडित विदेशी और बेगाने हो गए हैं। कश्मीर के एक हिस्से में आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पंडितों की नृशंस हत्या की जा रही है। सरकार उनको सुरक्षा देने में सक्षम नहीं है। उनको उन्हीं की कॉलोनियों में जेल बनाकर कैद कर दिया गया है। कैद करके उनको उनके घरों में रखा गया है। उनको प्रदर्शन-आंदोलन करने, आवाज उठाने और सुरक्षा की बात करने पर लाठियों से पीटा जा रहा है, आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि उनका क्या गुनाह है। केंद्र में आज आप की सरकार है। कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा और चिंता करने के बजाए, आपकी सारी चिंता विपक्ष के नेताओं को कैसे फंसाया जाएगा, इसमें लगी हुई है। उनको आपकी इन बैठकों की नौटंकी नहीं चाहिए। बैठकों के बाद आपके लंबे चौड़े भाषण नहीं चाहिए। कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा चाहिए। आप बैठकों का ड्रामा और बड़ी-बड़ी बातें करके देश को एक नहीं,अनेक बार गुमराह कर चुके हैं।
राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि पूरे देश को याद दिलाना चाहता हूं कि कश्मीरी पंडितों का पलायन दो मौके पर हुआ है। 1990 में जब बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडितों ने पलायन किया, उस वक्त केंद्र में भाजपा समर्थित सरकार थी। इनके नेता जगमोहन कश्मीर के राज्यपाल थे। जिनको बाद में मोदी सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। उस समय कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ। दूसरा इस देश को शर्मसार और दुखी करने वाला दृश्य आज देखने को मिल रहा है। जब कश्मीरी पंडित अपने छोटे-छोटे बच्चों, बूढ़े मां-बाप, पत्नी के साथ कश्मीर छोड़कर पलायन कर रहे हैं। क्योंकि उनको खतरा है किसी भी समय उनको मार दिया जाएगा।
मोदी सरकार और देश के गृह मंत्री अमित शाह पूरी तरह से उनको सुरक्षा देने में विफल रहे हैं। यह सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है। पूरे देश के सामने इसका चेहरा बेनकाब हुआ है। यह लोग बड़े-बड़े वादे करते थे कि आतंकवाद रोक देंगे, कश्मीर में उद्योग लग जाएंगे, कश्मीर में रोजगार आ जाएगा, लोग कश्मीर में जमीने खरीद लेंगे और कश्मीरी पंडितों को ले जाकर बसाया जाएगा। कश्मीरी पंडितों को बसाना तो दूर की बात है जो कश्मीरी पंडित वहां पर बचे थे, भाजपा सरकार के राज में वहां से पलायन करना पड़ रहा है। उनकी हत्या हो रही है।
उन्होंने कहा कि इन सवालों से अमित शाह भागिए मत। बैठकों का ड्रामा-नौटंकी करके बड़ी-बड़ी बातें करना बंद कीजिए। कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा दीजिए, उनको सुरक्षा चाहिए। आप लोगों ने कश्मीर फाइल्स फिल्म बनाकर पूरे देश में कई महीनों तक रोना-धोना, चर्चा चलाना, उनके दर्द को बेचने और राजनीति करने का काम किया है। लेकिन जब आज वाकई उनके ऊपर मुसीबत आ गई और उनकी हत्याएं हो रही हैं तो सात दरवाजे के पीछे छुपे हुए हैं। अब कश्मीरी पंडितों और उनकी सुरक्षा की चिंता नहीं है। इसलिए सरकार को चेताना चाहता हूं कि जल्द ही सख्त से सख्त कदम उठाइए और जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों की हत्या की है, उन आतंकवादियों का सफाया कीजिए। हम वह कार्रवाई चाहते हैं, आप की बैठक और नौटंकी नहीं चाहते हैं।