भोपाल। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में अब बाघों पर खतरा मंडरा रहा है। टाइगर स्टेट बाघों की मौत मामले में देश में नंबर वन पर है। बीते 6 महीने में मध्यप्रदेश में 23 बाघों की मौत हुई है। वहीं दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 14 बाघों की मौत, तीसरे स्थान पर कर्नाटक में 12 टाइगर की मौत हुई। साल 2024 में अब तक देश में कुल 75 टाइगर की मौत हुई है जिससे सबसे अधिक मौत मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 12 बाघों की मौत हुई है। बाघों की मौत स्वाभाविक होने के साथ-साथ उनके शिकार की भी आंशका जताई गई है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की रिपोर्ट में बाघों की मौत के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्र बताते हैं कि एनटीसीए ने कुछ महीनों पहले प्रदेश के वन विभाग से कहा था कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की जांच करे, यह पता लगाए कि आखिर यहां बाघों की मौत की वजह क्या है। इसके बाद वन विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने बांधवगढ़ में पिछले तीन साल में मारे गए बाघों की वजह तलाशी। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक बांधवगढ़ में टाइगर की ज्यादातर मौतें आपसी संघर्ष की वजह से नहीं हुई हैं। गौरतलब है कि टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में 2012 से 2022 के बीच यानी पिछले 10 साल में 65 बाघों की मौत हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक बाघों की मौत के पीछे स्थानीय स्टाफ की लापरवाही और शिकारियों से मिली भगत बड़ी वजह हैं। वन विभाग के हाथ कुछ ऐसे सबूत लगे हैं, जिससे यह पता चलता है कि यहां के स्थानीय शिकारी अंतरराष्ट्रीय तस्करों के संपर्क में हैं। यहां से पकड़े गए कई शिकारियों के बैंक खातों में इंटरनेशनल मनी ट्रांसफर के भी सबूत मिले हैं। इस पूरे मामले की गोपनीय रिपोर्ट राज्य शासन को मिल चुकी है। इसमें यह भी कहा गया है कि शिकारियों की मिली भगत और रुपयों के लेन-देन की कड़ी तोड़ने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों से इस मामले की जांच कराई जाए।
गौरतलब है कि टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश में देश में सबसे अधिक बाघ है। देश में सबसे अधिक 785 बाघ मध्यप्रदेश में हैं। इसके बाद 563 बाघों के साथ कर्नाटक दूसरे और 560 बाघों के साथ उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है। वहीं मध्यप्रदेश में सबसे अधिक बाघ बांधवगढ़ टाइग रिर्जव में ही है।