भोपाल। मध्यप्रदेश में मीसाबंदियों की पेंशन बंद किए जाने के बाद कई लोगों की पीड़ा खुलकर सामने आ गई है। राज्य की कांग्रेस सरकार के इस फैसले का पेंशन का लाभ ले रहे लोगों ने विरोध किया है।
एएनआई के ट्वीट के मुताबिक मोहम्मद लईक ने कहा कि मैंने आपातकाल के दौरान 18-19 महीने जेल में बिताए थे। वर्तमान स्थिति में न तो मैं काम कर सकता हूं न ही मेरी चलने-फिरने की स्थिति है। यदि सरकार को इससे फायदा होता है तो कोई बात नहीं। मुझे भीख मांगने में भी कोई आपत्ति नहीं है। मैं भीख मांग लूंगा पर चोरी नहीं करूंगा।
मोहम्मद लईक के बयान के बाद ट्विटर पर लोगों ने कांग्रेस सरकार की जमकर आलोचना की। आदिल मलिक नामक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि कमलनाथ जी ऐसा काम मत करो कि 21 सीटों पर समेट दिए जाओ। पुरुषोत्तम नामक व्यक्ति ने लिखा कि लेडी हिटलर के ख़िलाफ़ आवाज उठाई थी। सजा तो मिलनी ही थी, कांग्रेस के आते ही सजा शुरू हो गई।
दूसरी ओर कुछ लोगों ने सरकार के फैसले का समर्थन भी किया। नितिन सिंह नामक व्यक्ति ने लिखा कि आपातकाल संविधान के अनुसार ही लगाया गया था और भारत देश के संविधान के खिलाफ जाने पर जेल में भेजे गए थे फिर काहे की पेंशन। यदि इतनी ही देशभक्ति है तो यह पेंशन किसानों को दान कर दो।