Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

लोकसभा चुनाव से पहले सियासत के केंद्र में किसान, मप्र सरकार ने खोला खजाना, बीजेपी खोलेगी पोल

विशेष प्रतिनिधि
बुधवार, 6 मार्च 2019 (19:31 IST)
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाला किसान फिर एक बार सियासत के केंद्र में है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान से पहले कमलनाथ सरकार ने किसानोँ को रिझाने के लिए खजाना खोलते हुए गेहूं पर प्रति क्विंटल 160 रुपए बोनस देने की घोषणा की है। 
 
केंद्र सरकार ने इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 1860 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जिसके बाद अब बोनस की रकम मिलाकर किसानों से सरकार 2000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदेगी। इसके साथ ही सरकार ने मक्का की भावांतर राशि में बढ़ोतरी करते हुए उसे 250 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है।
 
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद में प्रदेश में इस बार गेहूं की बम्पर फसल होने पर भी किसानों को मूल्य कम मिलने की चिन्ता नहीं होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सोयाबीन के किसानों के रुके भुगतान को जल्द देने का आश्वासन दिया। कमलनाथ सरकार किसानों पर उस वक्त मेहरबान है जब सरकार बनने के बाद दो महीने में पांच बार कर्ज ले चुकी है।

किसान के लिए कमलनाथ सरकार के पांच बड़े फैसले : 
1. 55 लाख किसानों का 2 लाख तक का कर्जा माफ।
2. गेंहू के समर्थन मूल्य पर 160 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने का एलान।
3. मक्का पर 250 प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा।
4. 10 हॉर्स पावर तक के किसानों का बिजली बिल आधा।
5. कृषि उपकरणों की खरीदी पर 50 प्रतिशत सब्सिडी और ब्याज रहित लोन की व्यवस्था।
भाजपा खोलेगी सरकार की पोल : एक ओर कर्ज के बोझ तले कमलनाथ सरकार किसानों को रिझाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है तो बीजेपी लोकसभा चुनाव में किसानों को लेकर सरकार के दावे की पोल खोलने की तैयारी में है। मंगलवार को धार पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से कर्ज माफी के सरकार के दावे पर सवाल उठा दिया है। वहीं बीजेपी किसानों को रिझाने के लिए जल्द ही स्थानीय स्तर कार्यक्रम करने जा रही है।

भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पहले ही पीएम किसान योजना को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिख चुके हैं। शिवराज सीहोर तो प्रदेश अध्यक्ष राकेशसिंह दमोह में किसानों के मुद्दे पर सड़क पर उतर चुके हैं। ऐसे में बीजेपी के तेवरों को देखकर ये साफ संकेत हैं कि आने वाले समय किसानों पर सियासत और तेज होगी।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

LIVE: राज्‍यपाल से मिले हेमंत सोरेन, पेश किया सरकार बनाने का दावा

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक, सरकार ने सभी दलों से की यह अपील

આગળનો લેખ
Show comments