लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बसपा से रिश्ते कायम किए थे और वे उन रिश्तों को ठीक करना चाहते हैं। अखिलेश यादव ने एक लोगों भी ट्विटर पर पोस्ट किया। इस लोगों में साइकल का पहिया और हाथी का मुंह नजर आ रहा है।
अखिलेश ने कहा कि नेताजी (मुलायम) ने पूर्व में बसपा के साथ गठबंधन करके एक रिश्ता बनाया था। हमें तो संबंध ठीक करना था। सही बात बताना था। अखिलेश से सपा और बसपा के गठबंधन पर मुलायम की नकारात्मक प्रतिक्रिया के बारे में सवाल पूछा गया था।
क्या मुलायम बनेंगे प्रधानमंत्री : इस सवाल पर कि क्या सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव इस बार प्रधानमंत्री बनेंगे, सपा अध्यक्ष ने कहा कि अभी तक तो नहीं, मगर उन्हें उचित सम्मान दिया जाएगा।
खुद के आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि आजमगढ़ जिला इकाई से ऐसा कोई प्रस्ताव तो आने दीजिए।
यह पूछे जाने पर कि बसपा के लिए उत्तर प्रदेश की 80 में से 38 सीटें छोड़े जाने से क्या सपा कमजोर होगी और उन सीटों पर टिकट चाहने वाले नेता सपा को नुकसान पहुंचाएंगे, अखिलेश ने कहा कि गठबंधन से पहले हम भाजपा को गोरखपुर, फूलपुर और कैराना लोकसभा तथा नूरपुर विधानसभा उपचुनाव में हरा चुके हैं।
सपा और बसपा के नेता दोनों पार्टियों के गठबंधन के लिए मानसिक रूप से तैयार थे। लिहाजा अब कोई दिक्कत नहीं होगी।
इस सवाल पर कि क्या हाल में पाकिस्तान पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक से देश का मिजाज भाजपा के पक्ष में हो गया है, सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने में माहिर है। हर कोई जानता है कि अगर अमेरिका और अन्य देशों ने भारत का समर्थन ना किया होता तो भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान की सुरक्षित स्वदेश वापसी नहीं हो पाती। यह काम भाजपा की वजह से नहीं हुआ था।
उन्होंने एक सवाल पर कहा कि किसानों की दुर्दशा, बेरोजगारी और भाजपा के झूठे वादे आगामी लोकसभा चुनाव में तीन प्रमुख मुद्दे होंगे। प्रदेश के युवा इस बार भाजपा को हराएंगे।