उत्तर भारत के बड़े हिस्से में लगातार तीसरे दिन भी खतरनाक प्रदूषण की वजह से स्कूल बंद हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में भी इसी वजह से 25 स्कूल बंद किये गये हैं।
भारत में डॉक्टरों ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को आम लोगों की सेहत के लिए "इमरजेंसी" करार दिया और सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की गयी है। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत की सरकार ने कहा है कि उत्तर भारत और सीमा से लगने वाले पाकिस्तान के इलाकों में छायी दूषित हवा की चादर को देखते हुए वे भी अपने यहां सभी 25 हजार स्कूलों का बंद कर रहे हैं।
उत्तर भारत में स्मॉग के कारण लोगों को बहुत सी दिक्कतें हो रही हैं। अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट का कहना है कि हवा में प्रदूषक तत्वों का जो पीएम2।5 स्तर किसी भी स्थिति में 300 से ज्यादा नहीं होना चाहिए, वह बुधवार को दिल्ली में बढ़कर एक हजार तक जा पहुंचा। हालांकि गुरुवार तक वह कम होकर 590 पर दर्ज किया गया।
सरकार ने एडवायजरी जारी की है कि जिन लोगों को सांस में लेने में दिक्कत है, उन्हें घरों के अंदर ही रहना चाहिए। बाकी लोगों से भी एहतियात बरतने को कहा गया है। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि स्मॉग के चलते उत्तर भारत में कई हादसे हुए हैं। पंजाब में बुधवार को आठ छात्र उस वक्त मारे गये जब वे सड़क किनारे खड़े होकर अपनी स्कूल बस का इंतजार कर रहे थे कि तभी एक ट्रक ने उन्हें कुचल दिया।
यह लगातार दूसरा साल है जब दिल्ली में वायु प्रदूषण चीन की राजधानी बीजिंग से भी ज्यादा दर्ज किया गया है। इसीलिए दिल्ली को अब दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी माना जाता है। एक अंग्रेजी अखबार ने अपने संपादकीय में इन हालात के लिए सरकार की उदासीनता को जिम्मेदार बताया है। अखबार लिखता है, "दिल्ली एक बार फिर से सचमुच एक गैस चैंबर बन गया है जहां लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।"
2014 में डब्ल्यूएचओ ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण कितनी बड़ी समस्या है। तब से दिल्ली में एक पावर प्लांट को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। कुछ कारों को भी सड़कों से हटाया गया है। लेकिन इन सब कदमों का बहुत ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है।