Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

शी जिनपिंग के दर्जे को और ऊंचा उठाया चीन के नेताओं ने

शी जिनपिंग के दर्जे को और ऊंचा उठाया चीन के नेताओं ने

DW

, शुक्रवार, 12 नवंबर 2021 (17:07 IST)
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने देश के एक नए राजनीतिक इतिहास को मंजूरी दे दी है जिसके तहत राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दर्जे को और ऊंचा कर उन्हें पार्टी के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण नेताओं के समकक्ष रख दिया गया है।
 
पार्टी की केंद्रीय समिति के नेताओं ने एक महत्वपूर्ण बैठक में शी की विचारधारा को 'चीनी संस्कृति का सार' बताया। पार्टी द्वारा जारी एक बयान में शी की विचारधारा को 'देश के पुनर्जीवन' के लिए 'निर्णायक रूप से महत्वपूर्ण' बताया। ऐसा कर पार्टी के नेताओं ने अगले साल शी के कार्यकाल को और आगे बढ़ाने की जमीन तैयार कर दी।
 
चीन में किसी नेता के लिए इस तरह की अति भावुक भाषा का इस्तेमाल होना काफी असामान्य है। शी ने निजी स्तर पर इतनी शक्ति हासिल कर ली है जितनी 1980 में डेंग शियाओपिंग के बाद किसी दूसरे नेता ने हासिल नहीं की थी। कई लोगों का मानना रहा है कि शी पार्टी के महासचिव का पद पर लगातार तीसरी बार बने रहेंगे।
 
माओ, डेंग की बराबरी
 
हालांकि पार्टी में पिछले दो दशकों से जो परंपरा रही है उसके मुताबिक 68 वर्षीय शी को अगले साल पद से इस्तीफा देना पड़ता। लेकिन अब वो परंपरा बदल दी गई है और शी तीसरे कार्यकाल की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। पार्टी के नेतृत्व का जो प्रस्ताव कल पारित हुआ वो पार्टी के 100 साल के इतिहास का सिर्फ तीसरा प्रस्ताव है।
 
पहला प्रस्ताव कम्युनिस्ट सरकार के पहले नेता माओ जेदांग के समय में पारित किया गया था और दूसरा डेंग शियाओपिंग के समय में, जब उन्होंने उन सुधारों की शुरुआत की जिन्होंने चीन को एक आर्थिक महाशक्ति बना दिया। ऐसे एक प्रस्ताव को शी के समय में जारी करने से सांकेतिक रूप से उन्हें बाकी दोनों ऐतिहासिक नेताओं के बराबर का दर्जा दे दिया गया है।
 
पार्टी ने शी के लिए राष्ट्रपति के पद पर बने रहने की कार्यकाल की सीमा को 2018 में ही खत्म कर दिया था। उस समय अधिकारियों ने पत्रकारों को बताया था कि हो सकता है कि शी को और समय चाहिए हो यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक और अन्य सुधार लागू किए जाएं।
 
पार्टी पर पकड़
 
शी माओ के जनरलों में से एक के बेटे हैं और पार्टी में उनका कोई प्रत्यक्ष प्रतिद्वंदी नहीं है। लेकिन सत्ता में बने रहने की कोशिशें पार्टी के उनसे कम उम्र के वरिष्ठ नेताओं को उनसे दूर कर सकती हैं। संभव है कि ऐसे नेताओं को अपनी पदोन्नति के मौके धुंधले होते हुए दिखाई दें।
 
इसके अलावा राजनीतिक वैज्ञानिक एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के तजुर्बे की तरफ इशारा भी करते हैं और चेतावनी देते हैं कि लंबे समय तक एक ही व्यक्ति के सत्ता में रहने से आधिकारिक फैसलों की गुणवत्ता खराब हो जाती है और देशों का आर्थिक प्रदर्शन भी गिर जाता है।
 
सीके/एए (एपी)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

यूट्यूब ने डिसलाइक की संख्या दिखाना बंद किया