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टी-20 ट्रॉफी उठाने के बाद कप्तान कोहली ने धोनी की यह परंपरा निभाई

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सोमवार, 22 मार्च 2021 (12:50 IST)
भारत ने इंग्लैंड को 3-2 से टी-20 सीरीज जीतकर आगामी टी-20 विश्वकप के लिए अभ्यास के साथ साथ आत्मविश्वास भी पा लिया है। खासकर अंतिम दो-20 मैचों में जीत से भारत ज्यादा खुश होगा क्योंकि दोनों ही जीत विषम परिस्थितियों में आई थीं।
 
 
सीरीज में सबसे ज्यादा 231 रन बनाने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने एक ऐसा काम किया जिसने सभी भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया। पेटीएम टी-20 ट्रॉफी उठाने के बाद कप्तान कोहली ने सीधे जाकर यह ट्रॉफी सीरीज में डेब्यू करने वाले ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव के हाथों में थमा दी। 
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C.H.A.M.P.I.O.N.S! #TeamIndia @GCAMotera #INDvENG @Paytm pic.twitter.com/V0zCW4BugT

— BCCI (@BCCI) March 20, 2021 >
गौरतलब है कि ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव की यह सीरीज लगभग बराबर ही रही है। ईशान किशन ने अपनी डेब्यू पारी में शानदार 32 गेंदो में 56 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का खिताब अपने नाम किया तो सूर्यकुमारय यादव ने भी चौथे मैच में 31 गेंदो में 57 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का पुरुस्कार पाया। दोनों ने ही 28 गेंदो में अपने 50 रन पूरे किए। 
 
वैसे तो टीम में कई युवा खिलाड़ी है लेकिन विराट कोहली ने टीम से अभी अभी जुड़े युवा खिलाड़ियों को यह ट्रॉफी थमाकर खुद कोने में खड़े होना बेहतर समझा। भारतीय क्रिकेट में यह परंपरा पूर्व कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने शुरु की थी। 
 
माही ने कई बार बड़ी ट्रॉफी में जीत का श्रेय जूनियर खिलाड़ियों को इस ही प्रकार दिया है। साल 2013 में चैंपियन्स ट्रॉफी में जीत के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने ट्रॉफी विरा कोहली को थमा दी थी। ऐसा धोनी ने एक बार नहीं कई बार किया।एशिया कप 2016 में धोनी ने आखिरी गेंद पर टीम को छक्का लगाकर जीत दिलायी और कप जूनियर खिलाड़ियों के हाथों में थमा कर खुद कोने में खड़े हो गए।
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Two things that will never change in Indian cricket.

1) Ms Dhoni Finishing off match with a six.

2) Ms Dhoni Standing at counter after giving the Trophy to youngsters.#13YearsOfLeaderధోని pic.twitter.com/fP1UPi56wU

— Amaresh Tarakian (@AmareshNTR) December 22, 2017 >
एक बड़े स्पोर्ट्स चैनल में दिए गए इंटर्व्यू में धोनी ने इस सवाल का जवाब भी दिया था। उन्होंने कहा था कि क्रिकेट वैसे भी एक टीम गेम है लेकिन जब जीत होती है तो कप्तान के सिर पर सेहरा बंध जाता है। कप्तान तो तारीफ बटोर ही लेता है लेकिन बाकी खिलाड़ी सुर्खियों में नहीं आ पाते हैं इस कारण वह ट्रॉफी जीतने के बाद टीम को आगे करते हैं। 
 
विराट कोहली कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में कई साल खेल चुके हैं। क्रिकेट विशेषज्ञ कहते हैं कि कप्तान के तौर पर कोहली और धोनी में कई भिन्नताएं हैं लेकिन इस बात में कोहली ने धोनी का अनुसरण किया और क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया।
 
बस महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तान के तौर पर आईसीसी की तीनो मुख्य ट्रॉफी जीती हैं, टी-20 विश्वकप, वनडे विश्वकप और चैंपियन्स ट्रॉफी लेकिन विराट कोहली अभी इन तीनों में से एक भी ट्रॉफी जीतने में नाकाम रहे है। साल 2021 में वह इस क्रम को तोड़ने की कोशिश करेंगे। (वेबदुनिया डेस्क)

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