नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) को चुनाव आयोग (Election Commission) ने नोटिस भेजा है। सोनिया गांधी (sonia gandhi) के संप्रभुता वाले बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस जारी किया गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर सोनिया गांधी के संप्रभुता वाले बयान पर पोस्ट किया था। इसके बाद अब चुनाव आयोग ने मल्लिकार्जुन खड़गे से स्पष्टीकरण देने या इसमें सुधार करने को कहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि यह राजनीतिक दलों की तरफ से किए गए शपथ का उल्लंघन है। कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी वर्तमान में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष हैं।
चुनाव आयोग ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से सोनिया गांधी के हवाले से कर्नाटक की संप्रभुता संबंधी टिप्पणी पर पार्टी की सोशल मीडिया पोस्ट पर स्पष्टीकरण देने और उसमें सुधार करने को कहा।
खरगे को चुनाव आयोग का पत्र 6 मई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दिखाई देने वाले एक ट्वीट के संबंध में भाजपा द्वारा एक शिकायत किए जाने के बाद भेजा गया है।
Sonia Gandhi in Karnataka
भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि कर्नाटक भारत संघ में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सदस्य राज्य है और भारत संघ के सदस्य राज्य की संप्रभुता की रक्षा करने का कोई भी आह्वान अलगाव के आह्वान के समान है और यह खतरनाक और घातक परिणामों से भरा हुआ है।
भाजपा ने चुनाव आयोग को दी अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि ट्वीट पंजीकरण के समय राजनीतिक दलों द्वारा जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 29ए (5) के तहत ली गई अनिवार्य शपथ का उल्लंघन है।
चुनाव आयोग के पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त के मद्देनजर, आपसे सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में स्पष्टीकरण देने और सुधार के उपाय करने का अनुरोध किया जाता है, जिसे आईएनसी ट्विटर हैंडल पर कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) अध्यक्ष के हवाले से डाला गया है।
कांग्रेस ने शनिवार को हुबली में एक चुनावी रैली में सोनिया गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए एक ट्वीट में कहा था कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष ने 6.5 करोड़ कन्नड़ लोगों को एक कड़ा संदेश दिया। पार्टी ने उनकी तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वे जनसभा को संबोधित करती दिख रही हैं।
सोनिया गांधी ने चुनावी सभा को शनिवार को संबोधित करते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी किसी को भी 'कर्नाटक की प्रतिष्ठा, संप्रभुता या अखंडता' को खतरे में डालने की अनुमति नहीं देगी। इस पर यह बवाल मच गया था। भाषा