9 मई : गोपाल कृष्ण गोखले की जयंती, पढ़ें 12 खास बातें
1. गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) भारत के एक स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे।
2. गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में 9 मई 1866 को हुआ था।
3. एक साधारण परिवार में उनका जन्म हुआ था और उनके पिता कृष्ण राव पेशे से क्लर्क थे।
4. अपनी शिक्षा दीक्षा के दौरान गोपाल कृष्ण गोखले जी अत्यंत मेधावी छात्र थे। पढ़ाई में सराहनीय प्रदर्शन के लिए जब उन्हें सरकार की ओर से 20 रुपए की छात्रवृत्ति मिलनी शुरू हुई तो उन्हें शिक्षकों और सहपाठियों की काफी सराहना मिली।
5. गोखले पुणे के फर्ग्युसन कॉलेज के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। उन्होंने इस कॉलेज में अध्यापन का कार्य करने के साथ ही राजनीतिक गतिविधियां भी जारी रखीं।
6. उनके बारे में कहा जाता है कि गांधी जी को अहिंसा के जरिए स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा गोखले से ही मिली थी। उन्हीं की प्रेरणा से गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन चलाया।
7. गांधी जी के आमंत्रण पर 1912 में गोखले खुद भी दक्षिण अफ्रीका गए और रंगभेद की निंदा की तथा इसके खिलाफ आंदोलन के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
8. गोखले को एक जन नेता और नरमपंथी सुधारवादी माना जाता है।
9. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ ही देश में व्याप्त जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ भी संघर्ष किया। वह जीवनभर हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए काम करते रहे और मोहम्मद अली जिन्ना ने भी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु माना।
10. यह बात अलग है कि बाद में जिन्ना देश के बंटवारे का कारण बने और गोखले द्वारा दी गई शिक्षा का पालन नहीं किया।
11. बता दें कि अधिकतर लोग गोखले को सिर्फ महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु के रूप में ही जानते हैं, लेकिन वह सिर्फ राष्ट्रपिता ही नहीं बल्कि मोहम्मद अली जिन्ना के भी राजनीतिक गुरु थे। उनका मानना है कि यदि आजादी के समय गोखले जीवित होते तो शायद जिन्ना देश के बंटवारे की बात रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
12. ऐसे भारत के महान वीर सपूत का निधन 19 फरवरी 1915 को हो गया। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे तथा भारत भूमि को गुलामी से आजाद कराने के लिए जन्मे गोपाल कृष्ण गोखले देशप्रेम की भावना से ओतप्रोत थे। गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और सर्वेंट्स सोसायटी ऑफ इंडिया के सम्मानित सदस्य भी थे।
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