Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

श्रीलंका को राजनीतिक और आर्थिक विपदा के समय कर्ज देने में सबसे आगे रहा भारत

श्रीलंका को राजनीतिक और आर्थिक विपदा के समय कर्ज देने में सबसे आगे रहा भारत
, गुरुवार, 15 सितम्बर 2022 (18:11 IST)
कोलंबो। भारत गहरे राजनीतिक संकट एवं आर्थिक विपदा का सामना कर रहे श्रीलंका के लिए 2022 में सबसे बड़े कर्जदाता के रूप में उभरा है। साल के दौरान भारत ने अपने पड़ोसी देश को 37.7 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया है। शोध संस्थान वेराइट रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
 
रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई विकास बैंक (एडीबी) इस अवधि में श्रीलंका को 36 करोड़ डॉलर का कर्ज देकर दूसरा बड़ा कर्जदाता बना है। भारत और एडीबी दोनों ने मिलकर इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच श्रीलंका को आवंटित कुल कर्ज में 76 प्रतिशत का योगदान दिया है। साल के पहले 4 महीनों में श्रीलंका को विभिन्न सरकारों एवं संस्थानों से कुल 96.8 करोड़ डॉलर का कर्ज आवंटित किया गया। इसमें 37.7 करोड़ डॉलर के साथ भारत सबसे आगे रहा है।
 
श्रीलंका स्थित स्वतंत्र शोध संस्थान वेराइट रिसर्च ने कहा है कि श्रीलंका को कर्ज देने में एडीबी सबसे बड़ा बहुपक्षीय संस्थान रहा है। वेराइट रिसर्च एशियाई क्षेत्र में निजी कंपनियों और सरकारों को रणनीतिक विश्लेषण के साथ परामर्श देने का काम भी करता है। कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग ने कहा कि इस साल श्रीलंका को भारत की तरफ से कुल 4 अरब डॉलर की ऋण सहायता दी गई है जिसमें मुद्राओं की अदला-बदली भी शामिल है।
 
इस साल की शुरुआत से ही श्रीलंका गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा के अभाव में वह जरूरी खानपान एवं ईंधन सामग्री की भी खरीद नहीं कर पा रहा था। ऐसे समय में भारत ने उसे ईंधन खरीद के लिए ऋण सुविधा भी मुहैया कराई। जरूरी चीजों के दाम बढ़ने से श्रीलंका में आंतरिक अशांति भी पैदा हो गई। व्यापक स्तर पर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा।
 
हालांकि रानिल विक्रमसिंघे की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के साथ 2.9 अरब डॉलर का एक ऋण समझौता करने में सफल रही है। विश्लेषकों को इससे हालात में कुछ हद तक सुधार आने की उम्मीद है।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Supreme court: सीजेआई यूयू ललित की ओर से पेश प्रणाली को लेकर जताई नाखुशी