वॉशिंगटन। एच-1 बी वीजा पर जारी अटकलों के बीच अमेरिकी सरकार ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि उसके पास उन देशों के लिए एच-1 बी वर्क वीजा पर कैप लगाने की कोई योजना नहीं है, जो विदेशी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोर करने के लिए मजबूर करते हैं। यह समीक्षा किसी विशिष्ट देश को टारगेट करते हुए नहीं की गई है।
मीडिया में इस तरह की खबरे आ रही थी कि भारत की ओर से विदेशी कंपनियों पर स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोरेज को लेकर दबाव बनाए जाने से अमेरिका नाराज है। वह भारत को एच-1बी वीजा देने की सीमा 10 फीसदी से 15 फीसदी तक सीमित करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका के इस सख्त कदम से 45 हजार भारतीय प्रभावित हो सकते थे।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका हर साल 85000 एच-1बी वीजा जारी करता है और इनमें से 70 फीसदी वीजा भारतीय कर्मचारियों को ही मिलते हैं।
अमेरिका के इस बयान से भारतीय आईटी इंडस्ट्री ने राहत की सांस ली है। यह कंपनियां भारत से इस वीजा पर सॉफ्टवेअर इंजिनियर्स को काम करने के लिए अमेरिका लाती है।