Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

France Elections 2024 : फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पार्टी हारी, जगह-जगह भड़की हिंसा

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 8 जुलाई 2024 (11:24 IST)
France Elections : ब्रिटेन की सत्ता बदलने के बाद जनता ने फ्रांस में भी तख्तापलट कर दिया। फ्रांस में रविवार को हुए आम चुनावों में राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों की पार्टी हार गई। नतीजों के मुताबिक कुल 577 सीटों पर मतदान हुआ। इनमें से वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन को 182 सीटें मिलीं। वहीं, दूसरे नंबर पर इमैनुअल मैक्रों की रेनेसां पार्टी रही, रेनेसां केवल 163 सीटें ही जीत पाई।

बता दें कि दक्षिणपंथी नेशनल रैली गठबंधन को 143 सीटें मिलीं। तीनों बड़े दलों में से किसी को भी बहुमत हासिल नहीं हुआ। फ्रांस में बहुमत के लिए 289 सीटें जीतना जरूरी है। किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है तो ऐसे में फ्रांस में गठबंधन की सरकार बनना तय है।

हिंसा भड़की, आंसू गैस के गोले छोड़े : वामपंथी गठबंधन को ज्यादा सीटें मिलने की वजह से राजधानी पेरिस समेत पूरे देश में हिंसा भड़क गई। नतीजे आने के बाद प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू कर दी। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर आग जलाते और उपद्रव करते हुए देखा गया है। हिंसा को देखते हुए देशभर में पुलिस को तैनात किया गया है। फॉक्स न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार जगह-जगह पर प्रदर्शनकारियों की हिंसा के वीडियो सामने आए हैं। झड़पों के बीच कई जगह पर पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है।

प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफा : चुनाव परिणाम आने के बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री गैब्रियल अट्टल ने इस्तीफे की पेशकश की है। उन्होंने कहा, जब तक कोई नया प्रधानमंत्री नहीं बन जाता, तब तक वह प्रधानमंत्री बने रहेंगे। गैब्रियल अट्टल ने कहा कि हमारे पास बहुमत नहीं है, इसलिए मैं अपना इस्तीफा गणराज्य के राष्ट्रपति को सौंप दूंगा। वहीं, नतीजों के बाद हिंसा भड़क गई। दक्षिणपंथी नेशनल रैली के लोग सड़क पर आ गए और प्रदर्शन करने लगे। पुलिस को पेरिस में आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

मुस्लिम विरोधियों को झटका : फ्रांस में 30 जून को पहले चरण का चुनाव हुआ था, जिसमें मरीन ले पेन की ‘नेशनल रैली’ ने बढ़त बनाई थी। ‘नेशनल रैली’ का नस्लवाद और यहूदी-विरोधी भावना से पुराना संबंध है और यह फ्रांस के मुस्लिम समुदाय की भी विरोधी मानी जाती है. ऐसे दूसरे राउंड के चुनाव के इन नतीजों को उसके लिए बड़े झटके की तरह देखा जा रहा है।

दरअसल, फ्रांस में गठबंधन की सरकार चल रही थी। उसका कार्यकाल 2027 में खत्म होना था, लेकिन यूरोपीय संघ में बड़ी हार के कारण राष्ट्रपति मैक्रों ने संसद भंग कर दी। कुछ रिपोर्ट में बताया जाता है कि गठबंधन की सरकार के कारण कुछ बिल पास कराने में काफी दिक्कत हो रही थी। हर बार कानून पारित करने के लिए उन्हें अन्य दलों से समर्थन जुटाना पड़ता था। मैक्रों की रेनेसां पार्टी हार चुकी है, लेकिन फिर भी वह पद पर बने रहेंगे। मैक्रों ने कहा कि कोई भी जीत जाए, लेकिन वह राष्ट्रपति पद से इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन नियम के मुताबिक, मैक्रों की पार्टी संसद में भी हार जाती है तो उन पर राष्ट्रपति पद छोड़ने का दबाव बन सकता है।
Edited By : Navin Rangiyal

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Election Results : कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र और झारंखड पर जनता का फैसला, सत्ता की कुर्सी पर कौन होगा विराजमान

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

આગળનો લેખ
Show comments