इंदौर। आर्ट ऑफ लिविंग के आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के शहर आगमन के दूसरे दिन ब्रिलिएन्ट कन्वेंशन सेंटर के दूसरे दिन करीब 3500 श्रद्धालु गुरुदेव के ज्ञान और ध्यान चर्चा से लाभान्वित हुए। शिविर में गुरुदेव ने शिवजी द्वारा मां पार्वती को दिए गए गुढ़ तकनीकों व रहस्यों के बारे में बताया, जो विज्ञान भैरव नामक प्राचीन ग्रंथ में वर्णित है।
साथ ही इन तकनीकों पर सहजता से ध्यान कैसे किया जा सकता है। गुरुदेव ने बताया कि शिष्य का पहला लक्षण है कि वह स्वीकार करते हैं 'मैं कुछ नहीं जानता'| निर्भीक और चुनोती के लिए तैयार रहना शिष्य होने का दूसरा गुण है। गुरुदेव ने यह भी कहा कि मनुष्य जीवन में सूक्ष्म की और यात्रा जरूरी है। सम्पूर्ण जीवन को भी एक चुनौती की तरह ले तो सब ठीक हो जाता है। शक्ति को खो देना बुढ़ापे का लक्षण है।
शक्ति बढ़ाने के लिए साधना जरूरी है। कार्यक्रम के समापन के पश्चात गुरुदेव के साथ कई विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। यह कार्यक्रम युवाओं को ध्यान और योग के प्रति जागृत करने हेतु और गलत आदतों से दूर रखने में सहायक होती है।
कार्यक्रम में शहर के आर्ट ऑफ लिविंग श्रद्धालुओं के साथ-साथ बाहर के भी शहर से आए और प्रदेशों से आए लोगों ने भाग लिया।