Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

प्रेगनेंसी में पालथी मारकर बैठना कितना सुरक्षित है या असुरक्षित

pregnancy
- मोनिका पाण्डेय 
 
पालथी मारकर बैठना हम सबकी बचपन की आदत होती है। आज भी बहुत सारे लोग खाना खाते समय पालथी मारकर बैठ जाते हैं। बहुत सी महिलाएं भी ऐसी होती हैं जो पालथी मारकर काम करना पसंद करती हैं, पूजा करते समय या मेडिटेशन करते समय पालथी मारकर ही बैठा जाता है। लेकिन क्या आपको यह पता है कि प्रेगनेंसी के समय में डॉक्टर कुछ महिलाओं को पालथी मारकर बैठने से मना करते है, तो कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी के समय पालथी मारकर बैठने की भी सलाह देते हैं। 
 
यह जरूरी नहीं की सिर्फ पालथी मारकर बैठना ही हानिकारक होता है, बल्कि किसी भी अवस्था में लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ पर दबाव पड़ सकता है इसलिए आप थोड़ी देर के बाद अपनी पोजीशन बदलते रहें। इसके बावजूद भी आपको पीठ दर्द, झनझनाहट, सुन्न महसूस होना, किसी भी प्रकार की परेशानी या दर्द महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
 
उन गर्भवती महिलाओं को पालथी मारकर बैठने की सलाह नहीं दी जाती है, जिन्हें ये परेशानियां हो। 
 
- श्रेणी करधनी दर्द (पीजीपी)
 
- श्रेणी क्षेत्र में दर्द (एसडीपी)
 
किस परिस्थिति में पालथी मारकर बैठना सही नहीं होता है- 
 
उन गर्भवती महिलाओं को पालथी मारकर बैठने की सलाह नहीं दी जाती है जो पेल्विक गर्डल पेन (पीजीपी) और सिम्फाइसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (एसपीडी) से पीड़ित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि क्रॉस-लेग्ड बैठने से पेल्विक असमान स्थिति में आ जाती है। जिससे पैरों पर वजन का असमान वितरण हो सकता है, जिसकी वजह से असुविधा और तनाव हो सकता है।

जैसे-जैसे आपकी गर्भावस्था आगे बढ़ती है और वैसे-वैसे आपका पेट बढ़ता है। ऐसे में आपको फर्श पर बैठने या बैठने की स्थिति से उठने में असहजता महसूस हो सकती है। इस दौरान आप आरामदायक कुर्सी या सोफे पर बैठ सकती हैं, नीचे बैठने की तुलना में यह ज्यादा बेहतर होगा। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

webdunia

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

कुश्‍ती में जीता दोस्‍त, खुशी के मारे पहलवान की मौत, क्‍यों हार्ट अटैक से जा रही है युवाओं की जान?