Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

कविता : मैं कैसे सुन लूं तुम्हारे मन की बात...

राकेशधर द्विवेदी
मैं कैसे सुन लूं 
तुम्हारे मन की बात
 
रोती मां का क्रंदन
अब डराता है
 
जो सपने हो गए
आंखों में पत्थर
उनको देखकर ये 
मन बहुत भरमाता है
 
मैं कैसे कहूं तुम्हारी
बुलेट ट्रेन पर
बबुआ का गुड्डा रो-रोकर
बुलाता है 
 
पास में शांत पड़ी
मिट्टी की बैलगाड़ी
कुछ दर्दभरी दास्तां
को सुनाती है
 
न लोरी है, न थपकी है
लुढ़की पड़ी काजल की बस्ती है
बाबा-दादी कहानी किसे सुनाए
यहां तो जिंदगी हो गई वीरानी है
 
आसमां के तारे रो-रोकर
कहते हैं कि
ये मन की बात सारी आसमानी है
आज इस तथाकथित विकसित दुनिया में
इंसान के साथ हुआ ये हादसा अनोखा है
 
आज तक फूलों की अर्थी पर चढ़ते देखा है
आज फूलों की अर्थी देखकर आया हूं
विकास की जमीनी हकीकत को देख
मन ही मन बहुत ही शरमाया हूं। 

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

धनतेरस सजावट : ऐसे करें घर को इन खूबसूरत चीजों से डेकोरेट, आयेगी फेस्टिवल वाली फीलिंग

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

फ्यूजन फैशन : इस दिवाली साड़ी से बने लहंगे के साथ करें अपने आउटफिट की खास तैयारियां

अपने बेटे को दीजिए ऐसे समृद्धशाली नाम जिनमें समाई है लक्ष्मी जी की कृपा

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

सभी देखें

नवीनतम

दिवाली के शुभ अवसर पर कैसे बनाएं नमकीन हेल्दी पोहा चिवड़ा, नोट करें रेसिपी

दीपावली पार्टी में दमकेंगी आपकी आंखें, इस फेस्टिव सीजन ट्राई करें ये आई मेकअप टिप्स

diwali food : Crispy चकली कैसे बनाएं, पढ़ें दिवाली रेसिपी में

फेस्टिवल ग्लो के लिए आसान घरेलू उपाय, दीपावली पर दें त्वचा को इंस्टेंट रिफ्रेशिंग लुक

क्या आपको भी दिवाली की लाइट्स से होता है सिरदर्द! जानें मेंटल स्ट्रेस से बचने के तरीके

આગળનો લેખ
Show comments