कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद एक नई बीमारी मरीजों में सामने आ रही है। जिसे म्यूकर माइकोसिस कहा जाता है। आम भाषा में इसे ब्लैक फंगस कहा जा रहा है। ब्लैक फंगस नामक यह बीमारी डायबिटीज के मरीजों में अधिक पाई जा रही है। इस बीमारी का मुख्य कारण जो अभी सामने आ रहा है वह है स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल। जी हां, स्टेरॉयड दवा देने का अलग तरीका है इसे सिर्फ डॉक्टर की निगरानी में ही लेना चाहिए।
स्टेरॉयड दवा से कोविड मरीज ठीक जरूर हुए है लेकिन ब्लैक फंगस नामक बीमारी ने कई लोगों को निगल लिया है। इस बीमारी से बचाव के लिए कई सावधानियां बरतना जरूरी है आइए जानते हैं ब्लैक फंगस से बचाव के कुछ तरीके -
1.सर्जिकल मास्क का उपयोग यूज एंड थ्रो वाला है। यानी उसे उपयोग करके फेंक दीजिए। वहीं अगर बात की जाए कपड़े के मास्क की तो उसे सिर्फ सैनिटाइज करके नहीं रखें बल्कि अपने कपड़ों के साथ मास्क को भी धोएं और धूप में सुखाएं।
2.एन 95 मास्क का उपयोग भी एक सीमित समय तक ही करें। उसे भी बाद में साबुन से अच्छे से धोएं।
3.अक्सर कई सब्जियों में आप भी फंगस देखते होंगे और पानी डालने से वह साफ भी हो जाती है लेकिन उसका बारीक अंश रह जाता है। इसलिए कुछ सब्जियां जैसे ब्रोकली, प्याज, पत्ता गोभी, टेंसी, टमाटर आदि इन्हें फिटकरी के पानी से या सिरके के पानी से धोएं।
4.कई बार हमारा ध्यान नहीं जाता है लेकिन फ्रिज के दरवाजों पर, पानी स्टोरेज में भी फंगस होती है। फंगस दिखने पर उसे तुरंत डेटाॅल से साफ करें।
5.कोरोना मरीज या तो नया मास्क या रोज साफ करके मास्क का उपयोग करें। साथ ही ध्यान रहे सिलेंडर या कॉन्सेंट्रेटर में स्टेराइल वाटर/सलाइन डाले और रोज उसे बदलें।
6.कोविड से ठीक होने के बाद मरीज को घर पर उतनी ही केयर करना जरूरी है। ध्यान रहे पोस्ट कोविड मरीजों के आस-पास जरा भी नमी नहीं रहे। अपने आस-पास पूरी तरह से सूखा रखें और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। अपने कपड़ों को डेटाॅल में भी धो सकते हैं।
ब्लैक फंगस बीमारी का उपचार भी सामान्य इंसान के लिए महंगा है। इसलिए बेहतर है साफ - सफाई का पूरा ध्यान रखें और लोगों को भी जागरूक करें।