Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

हरियाणा में रिश्तों की जंग, कहीं बहन-भाई तो कहीं दादा-पोते के बीच में दिखेगा ‍मुकाबला

हरियाणा में रिश्तों की जंग, कहीं बहन-भाई तो कहीं दादा-पोते के बीच में दिखेगा ‍मुकाबला
, सोमवार, 9 सितम्बर 2024 (19:04 IST)
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में, राज्य के तीन मशहूर ‘लाल’ के कई सगे-संबंधी भी मैदान में उतरे हैं और उनमें से कुछ के एक दूसरे के खिलाफ उतरने से चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
 
हरियाणा को 1966 में अलग राज्य के रूप में गठित किए जाने के बाद से इसकी राजनीति तीन मशहूर ‘लालों’ के इर्द-गिर्द घूमती रही है- देवीलाल, जिन्हें ‘ताऊ’ देवीलाल के नाम से जाना जाता है और भजनलाल तथा बंसीलाल। ये सभी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। देवीलाल, देश के उपप्रधानमंत्री भी रहे थे। ALSO READ: कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव के लिए जारी की 9 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट, जानिए AAP के साथ गठबंधन की कहां तक पहुंची बात
 
तोशाम में भाई-बहन आमने-सामने : अगले महीने होने जा रहे इस चुनाव के लिए, इन प्रमुख राजनीतिक परिवारों के कई सदस्यों को कांग्रेस, भाजपा, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने उम्मीदवार बनाया है। राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होना है और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी। भिवानी जिले में तोशाम विधानसभा सीट पर, दिवंगत बंसीलाल के पोते और पोती के बीच मुकाबला होने वाला है।
 
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी बंसीलाल के पोते हैं और उनका मुकाबला अपनी चचेरी बहन एवं पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से है, जो भाजपा उम्मीदवार हैं। श्रुति, भाजपा नेता किरण चौधरी एवं बंसीलाल के दिवंगत पुत्र सुरेंद्र सिंह की बेटी हैं। वहीं, अनिरुद्ध रणबीर सिंह महेंद्र के बेटे हैं। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष महेंद्र, और सुरेंद्र भाई थे।
 
तोशाम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किरण चौधरी कर रही थीं, लेकिन उन्होंने पिछले महीने विधायक के तौर पर इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए उन्हें हरियाणा से उम्मीदवार बनाया और वह निर्विरोध जीत गईं। ALSO READ: हरियाणा विधानसभा चुनाव में विनेश फोगाट के खिलाफ प्रचार करेंगे बृजभूषण शऱण सिंह?
 
डबवाली में चाचा बनाम भतीजे का मुकाबला : केवल तोशाम ही नहीं, सिरसा जिले में डबवाली सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है। इस सीट पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। डबवाली से, देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल इनेलो उम्मीदवार हैं। वह जजपा के दिग्विजय सिंह चौटाला के खिलाफ मैदान में उतरे हैं, जो पूर्व उपप्रधानमंत्री (देवीलाल) के प्रपौत्र हैं।
 
आदित्य देवीलाल, चौधरी देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश के पुत्र हैं। आदित्य भाजपा छोड़कर रविवार को इनेलो में शामिल हो गए और उन्हें डबवाली से उम्मीदवार बनाया गया। हरियाणा चुनाव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर लड़ रहे इनेलो में शामिल होने से पहले आदित्य ने अपने ताऊ एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के सिरसा स्थित आवास पर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। ALSO READ: भाजपा को बड़ा झटका, हरियाणा के मंत्री रणजीत चौटाला का इस्तीफा
 
दिग्विजय सिंह चौटाला, जजपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई हैं। जजपा, चंद्रशेखर आजाद नीत आजाद समाज पार्टी (कांशी राम) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है। जजपा का नेतृत्व दुष्यंत और दिग्विजय के पिता एवं पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला कर रहे हैं। हिसार जिले में आदमपुर सीट से, भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री (दिवंगत) भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाया है। भव्य, वर्तमान में आदमपुर से विधायक हैं। उनके पिता कुलदीप बिश्नोई भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं।
 
यहां हो सकता है दादा-पोते का मुकाबला : सिरसा जिले में रानिया सीट पर भी रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने के बाद कहा था कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे। इनेलो ने देवीलाल के प्रपौत्र अर्जुन चौटाला को रानिया से उम्मीदवार बनाया है और यह विधानसभा सीट भी सिरसा जिले में है। अर्जुन के पिता इनेलो के वरिष्ठ नेता अभय सिंह चौटाला हैं। ये दोनों ही प्रतिद्वंदियों के बीच दादा-पोते का रिश्ता है। 
 
जजपा के बारे में इनेलो के आदित्य देवीलाल ने कहा कि पार्टी लोगों से कहा करती थी कि यह (सिरसा क्षेत्र) उनकी ‘जन्मभूमि’ और ‘कर्मभूमि’ है, लेकिन कभी-कभी वे उचाना (जहां से दुष्यंत चुनाव लड़ रहे हैं), कभी भिवानी (जहां से अजय चौटाला सांसद रहे थे), कभी डबवाली चले जाते हैं। लेकिन लोग समझदार हैं, वे जानते हैं...।’’
 
हर किसी को जीत का भरोसा : इनेलो में शामिल होने के बाद, अभय चौटाला ने गांव में एकत्र लोगों से आग्रह किया कि आदित्य को इतना समर्थन दें कि जो लोग उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, वे नामांकन दाखिल करने से पहले यह सोचने पर मजबूर हो जाएं कि चुनावी मुकाबले में उनका क्या हश्र होने वाला है। हालांकि, जजपा के दिग्विजय चौटाला इसे लेकर आश्वस्त हैं कि वह डबवाली सीट ‘काफी मतों के अंतर’ से जीतेंगे। इस बीच, अर्जुन चौटाला ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि रानिया के लोग अपना आशीर्वाद देंगे और हमारी पार्टी को विजयी बनाएंगे।
 
रणजीत चौटाला के बारे में अर्जुन ने कहा कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है, लेकिन मुझे लगता है कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में देवीलाल परिवार के तीन सदस्य- देवीलाल के बेटे रणजीत सिंह चौटाला, जो निर्दलीय विधायक हैं और लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले भाजपा में शामिल हो गए थे; जजपा विधायक नैना चौटाला, जो जजपा प्रमुख एवं देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला की पत्नी हैं और इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला के चचेरे भाई रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला (47) ने हिसार संसदीय सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।
 
हालांकि, उनमें से कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका और हिसार सीट कांग्रेस उम्मीदवार ने जीती। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला भी कुरुक्षेत्र संसदीय सीट से प्रत्याशी थे, लेकिन इस सीट पर भाजपा के नवीन जिंदल ने जीत दर्ज की। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Haryana Assembly Elections : आम आदमी पार्टी की पहली सूची जारी, चुनावी मैदान में उतारे 20 उम्मीदवार