Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

12 वर्ष में आया हरिद्वार में पूर्णकुंभ, जानिए 12 टिप्स

12 वर्ष में आया हरिद्वार में पूर्णकुंभ, जानिए 12 टिप्स

अनिरुद्ध जोशी

हरिद्वार कुंभ मेले में स्नान या कल्पवास करने जा रहे हैं तो आपके लिए कुछ जरूरी टिप्स और हिदायतें जिन पर अमल करके आप सुरक्षा और सुविधा में रहेंगे और तीर्थ लाभ ले सकेंगे। कोरोना वायरस के संकट काल में इसे अपनाना जरूरी है। आओ जानते हैं कुछ सामान्य 12 टिप्स।

 
 
1. धार्मिक वस्त्र ही पहनें : आप किसी भी विवाद से बचना चाहते हैं तो धार्मिक वस्त्र ही पहनें। जैसे महिलाएं पीले रंग की साड़ी और पुरुष सफेद-पीले रंग के वस्त्र। लड़कियां तन को पूर्ण रूप से ढंकने वाले वस्त्र ही पहनें। यह आपकी और सभी की सुविधा के लिए है।
 
2. जरूरी सामान साथ में रखें : आप अपने साथ सफर के जरूरी सामान रखें, जैसे कंबल, दरी, तौलिया, तकिए के अलावा पानी की बोतल, नेपकीन, एक जोड़ी स्लीपर, ठंड और धूप से बचने के लिए शॉल-मफलर और जरूरी गोली-दवाइयां। ठंड और जल के प्रभाव से बचने के लिए क्रीम भी साथ रखें। इसके अलावा शहर, तीर्थ और स्नान की जानकारी के लिए जरूरी किताब भी साथ रखें, जो आपका मार्गदर्शन करती रहेगी।
 
3. स्नान संबंधी जानकारी : आम जनता के लिए गंगा में स्नान का वक्त नियुक्त रहता है। इसकी सूचना लगातार मेला प्रशासन द्वारा दी जाती है। सुबह साधुओं के स्नान के बाद ही आम जनता स्नान कर सकती है। शाही स्नान के समय भी समय और नदी का घाट नियुक्त हैं।
 
महिलाओं को स्नान करते वक्त वस्त्र संबंधी विशेष हिदायत दी जाती है। पुरुषों के लिए जरूरी है कि वे स्नान के महत्व को समझें, क्योंकि यह मौका उनके तैरने के आनंद के लिए नहीं होता है। महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग घाट या स्थान का इस्तेमाल किया जाता है, इस बात का ध्यान अवश्य रखें। स्नान करते वक्त नदी में वहीं तक जाएं, जहां तक की जाने की हिदायत दी गई है।
 
4. साफ-सफाई का रखें ध्यान : गंगा में नहाते वक्त गंगा की साफ-सफाई का विशेष ध्‍यान रखें। साबुन का प्रयोग न करें और नदी में कपड़े न धोएं। सुरक्षा घेरे के भीतर ही स्नान करें। पूजा सामग्री, फूलमालाएं, मूर्ति आदि गंगा में प्रवाहित न करें। कचरा-कूड़ा कूड़े दान में ही डालें। मेला क्षेत्र में कहीं भी पॉलीथिन का प्रयोग न करें और न ही कहीं गंदगी फैलाएं। कुंभ मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने में सहयोग करें।
 
5. साधुओं का करें सम्मान : अक्सर यह देखा गया है कि नागा साधुओं के शिविर के आसपास भीड़ ज्यादा रहती है। वहां लोग नागा साधुओं और उनकी गति‍विधियों के देखने के लिए जमा हो जाते हैं, लेकिन इससे नागा साधुओं को असुविधा होती है। साधु-संतों के शिविर या शिविर के आसपास अनावश्‍यक भीड़ न बढ़ाएं। यह हो सकता है कि कोई साधु आपकी हरकतों से भड़क जाए।
 
5. पवित्रता का पालन करें : आप धार्मिक उत्सव में पुण्य कमाने जा रहे हैं तो मन, वचन और कर्म से पवित्र बने रहें। कुंभ मेला आपके मनोरंजन, हंसी-मजाक, पिकनिक पार्टी या घूमने-फिरने के लिए नहीं है। कृपया इसका विशेष ध्यान रखते हुए कुंभ की गंभीरता और गरिमा को समझें। कहीं भी अपशब्दों का इस्तेमाल न करें।
 
6. खान-पान संबंधी सलाह : अक्सर यह देखा गया है कि लोग, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सड़क किनारे आदि जगहों पर अपने साथ लाया भोजन करने लग जाते हैं। इससे सभी को असुविधा तो होती ही है साथ ही गंदगी भी फैलती है। इसके लिए प्रशासन ने पांडाल बना रखे हैं। आप चाहे तो किसी होटल या रेस्टोरेंट में जाकर भी अपने साथ लाया भोजन कर सकते हैं। बाजार, ठेले की खाद्य सामग्री से परहेज करें, क्योंकि वह दूषित हो सकता है। स्वच्छ पानी हमेशा साथ रखें या फिर किसी स्वच्छ स्थान से ही पानी पीएं। इससे आप प्रदूषित जल से होने वाली बीमारी से बच जाएंगे।
 
7. सुरक्षा हिदायत : लावारिस वस्तुओं के मिलने पर मेला प्रशासन अथवा पुलिस विभाग को सूचित करना आपका कर्तव्य है। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें। नाव में बैठते या नहाते वक्त सुरक्षा का ध्यान रखें। रात्रि को समयपूर्व ही अपने गंतव्य स्थान पहुंच जाएं। बिना वजह मेले में घूमते न रहें।
 
8. यातायात नियमों का पालन करें : यातायात नियमों का पालन करते हुए निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही अपने वाहनों को खड़ा करें। हर कहीं वाहन खड़ें करने से सभी को असुविधा होगी और इस तरह व्यवस्था भी बिगड़ेगी।
 
9. सभ्य नागरिक बनकर रहें : हर तरह के बड़े धार्मिक आयोजन में भगदड़ की आशंका, असामाजिक तत्वों की सक्रियता और गैर-धार्मिक लोगों की अनावश्यक गतिविधियों से तनाव की स्थिति उत्पन्न होती है। एक सभ्य नागरिक की जिम्मेदारी रहती है कि वह नियमों का पालन करके उत्सव को शांतिपूर्ण बनाए और लोगों को भी इसके लिए हिदायत दें। जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद करने से चूके नहीं। भूले-भटकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जरूरी हिदायत दें या मदद करें।
 
10. दान करें सोच-समझकर : अक्सर ढोंगी किस्म के साधुओं के चक्कर में फंसकर व्यक्ति अपनी जेब ढीली कर देता है। किसी भी तरह के प्रलोभन से मुसीबत में फंसने से बचने के लिए इस तरह के पंडितों, साधुओं से दूर रहें। दूसरी ओर भिखारियों को बढ़ावा न दें।
 
11. बुरे कर्म से दूर रहें : मान्यता है कि यदि कुंभ तीर्थ करने वाला बैल, भैंसे पर आरूढ़ होकर गमन करता है तो वह नरकवासी बनता है। यदि कोई व्यक्ति किसी साधु-संत का अपमान करता है, उनकी खिल्ली उड़ाता है तो वह निम्नतर योनियों में जन्म लेता है। किसी भी तरह से मांस, मदिरा आदि तामसिक भोजन का सेवन करके जो तीर्थ गमन करता है, वह अदृश्य साधु आत्माओं द्वारा शापित होता है। मासिक धर्म से ग्रसित युवती या अपवित्र कर्म करने वाला पुरुष तीर्थ स्नान न करें। ऐसा करने से और पाप लगता है। नदी में पेशाब करना महापाप माना गया है।
 
12. अच्छे कर्म के पास रहें : कुंभ तीर्थ कल्पवास, स्नान और सत्संग के लिए होता है। तीर्थ यात्रा, पर्यटन या मनोरंजन के लिए नहीं इसलिए तीर्थ में जप, तप और ध्यान का महत्व है। इसके अलावा अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति हेतु भी यह अवसर महत्वपूर्ण होता है इसलिए मुंडन कराने के बाद पिंडदान करें। मन और तन को पवित्र करने के लिए प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बाद स्नान करने के बाद सुबह और शाम को संध्यावंदन करें और अन्य समय में वैष्णव, शैव और उदासीन साधुओं के प्रवचन सुनें। 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

7 फरवरी 2021 : मित्र, संबंधियों से मुलाकात वाला रहेगा आज का दिन, मिलेगी रोमांस में सफलता