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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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हरिद्वार कुंभ में भिन्न-भिन्न किस्म के प्रसाद, जानिए 5 खास बातें

हरिद्वार कुंभ में भिन्न-भिन्न किस्म के प्रसाद, जानिए 5 खास बातें

अनिरुद्ध जोशी

कुंभ नगरी हरिद्वार में वैसे तो संतों के पांडल सज गए हैं। 14 जनवरी ही गंगा स्नान प्रारंभ हो चुका है, परंतु अधिकृत रूप सें 27 फरवरी 2021 से कुंभ प्रारंभ होगा जो 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा तक चलेगा। साधुओं के पांडलों में सत्संग, भजन, प्रवचन, दीक्षा और ध्यान के अलावा संतों के साथ ही आम लोगों के लिए भी भोजन प्रसादी की व्यवस्था होती है। आओ जानते हैं कि पांडालों में किस तरह का प्रसाद वितरण होता है।
 
 
1. कुंभ में वैसे तो संतों के पंडालों में सामान्य प्रसाद और खाने-पीने की ही चीजें मिलती हैं, लेकिन आपको यह जानकार आश्चर्य होगा की यहां पांडालों में महंगे से महंगे प्रसाद का वितरण भी होता है। यानी जितना महंगा पंडाल उतना ही महंगा प्रसाद। इसके अलावा प्रसाद भी तरह तरह के वितरित किए जा रहे हैं।
 
 
2. विवि‍धताओं से भरे कुंभ में प्रसाद की जितनी विविधता मिलेगी उतनी आपको कहीं और नहीं। मेले में इन पंडालों के चक्कर काटते हुए आप अलग-अलग और अनूठे किस्म के प्रसादों का मजा ले सकते हैं। किस दिन किस पर्व पर भक्तों को क्या प्रसाद देना है यह मेले में आने से पहले ही साधुओं द्वारा तय कर लिया जाता है। कुछ पंडालों में तो प्रसाद वितरण की सूची रोज ही बदल जाती है। पंडालों में इलायची के दाने से लेकर बादाम के हलवे तक की व्यवस्था रहती है।
 
 
3. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि प्रसाद में कहीं लखनऊ की चिक्की, कहीं मथुरा के पेड़े, कहीं देशी घी में बने लड्डू, कहीं मेवों का हलवा, कहीं रसगुल्ले और कहीं बालूशाही का वितरण होता है। इन सबके साथ ही आपको नमकीन खाने को भी मिल जाएगा।
 
 
4. आश्चर्य तो तब होता है जब आपके हाथ में अमेरिका से मंगवाया गया कोई फल होगा। कहा जाता है कि अमेरिका और यूरोप से अलग-अलग तरह के फल भक्तों के लिए मंगाए जाते हैं। कुछ पांडालों में कॉफी के साथ भक्तों को विदेशी फलों का तोहफा दिया जा रहा हैं।
 
 
5. जहां तक भोजन का सवाल है तो यदि आप कुंभ का मजा ले रहे हैं तो भोजन करने की चिंता छोड़ दें। भोजन के समय आप अग्नि, आह्वाहन या जूना अखाड़े के किसी भी पंडाल चले जाएं आपको बढ़िया स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। कहीं छोले और पूरी होता है कहीं दाल, चावल, रोटी। कहीं हलवा, पूरी और खीर खिलाई जाती है तो कहीं एकदम सादा भोजन। आप भरपेट खाइये और वहीं प्रवचन सुनिए। हालांकि इस बार कोरोना के संकट के चलते सभी तरह की सावधानी भी बरती जाएगी।
 

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