गांधीनगर। गुजरात चुनाव में पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को 89 सीटों के लिए मतदान होना है। पहले चरण के लिए प्रचार का शोर थम चुका है। इसी बीच, मंगलवार को गुजरात में एक चुनावी सभा कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना रावण से कर दी। भाजपा ने भी तुरंत मुद्दे को लपक लिया। इससे पहले भी कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी को लेकर 2 विवादित बयान दिए थे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस को गुजरात चुनाव में मोदी पर दिए गए यह 3 बयान कितने भारी पड़ेंगे?
क्या रावण की तरह मोदी के 100 सिर हैं : खड़गे ने आज एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ये लोग नगर पालिका चुनाव, विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे पर वोट मांगते हैं। मोदी हर चुनाव में दिख जाते हैं। क्या मोदी यहां काम करने आएंगे? उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी के रावण की तरह 100 सिर हैं? भाजपा ने इस मुद्दे को हाथोंहाथ लपकते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रावण कहना न सिर्फ उनका बल्कि प्रत्येक गुजराती का अपमान है।
जाति की राजनीति : 27 नवंबर को भी कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने गुजरात के देडियापाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी को झूठों का सरदार करार देते हुए कहा कि वह खुद को गरीब बताकर सहानुभूति जुटाते हैं। खड़गे ने कहा कि वह खुद 'सबसे गरीब और अस्पृश्य जाति' से आते हैं। इस पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस राज्य का हिस्सा बनना चाहती है, तो इसे इस जाति की राजनीति को छोड़ना होगा और अपनी शैली बदलनी होगी।
मधुसूदन मिस्त्री ने पूछी थी पीएम मोदी की औकात : वरिष्ठ कांग्रेस नेता मधुसूदन मिस्त्री ने 12 नंवबर को कांग्रेस का घोषणापत्र जारी करने के बाद एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा था कि वो गुजरात चुनाव में पीएम मोदी को उनकी 'औकात' दिखाएंगे। बस फिर क्या था भाजपा ने इस मुद्दे को तुरंत लपक लिया। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 नवंबर को एक रैली के दौरान मिस्त्री के 'औकात' वाले बयान पर पलटवार किया।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस कहती है कि मोदी को औकात दिखा देंगे। यह अहंकार है कि मोदी को उसकी औकात दिखा देंगे। वे राजपरिवार से हैं, मैं आम परिवार से हूं, जनता का सेवक हूं, मेरी पहले से ही कोई औकात नहीं है। मोदी ने यह बात ऐसे ही नहीं कही उन्होंने इस बयान के जरिए 'औकात' को गुजरात में चुनावी मुद्दा बना दिया।
मोदी पर दिए गए इन विवादास्पद बयानों से अब तक शांति से प्रचार कर रही है कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। राज्य में भले ही कांग्रेस की ओर से बड़ी नेताओं ने सभाएं नहीं ली थी, लेकिन भाजपा को भी कांग्रेस पर हमले का कोई मौका नहीं मिल पा रहा था। बहरहाल खड़गे और मिस्त्री के बयानों की मदद से भाजपा राज्य में माहौल को फिर मोदीमय बना सकती है। पार्टी की सोशल मीडिया विंग भी इस मामले को घर घर तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस को पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला करना भारी पड़ा है। इससे पहले 2017 के चुनाव में भी कांग्रेस को नरेंद्र मोदी के लिए नीच शब्द का इस्तेमाल करना खासा महंगा पड़ गया था। बहरहाल अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस किस तरह गुजरात के रण में इन विवादास्पद बयानों से हुए नुकसान की भरपाई करती है।