Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

दद्दू का दरबार : अपराध का अधिकार

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दू जी, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नरीमन ने 2020 में एक अहम फैसला दिया था। उसके अनुसार सन 2004 में 24% तो 2019 में 43% सांसदों के खिलाफ आपराधिक टीवी मामले चल रहे थे। क्या राजनीति में अपराधीकरण का मुद्दा कभी समाप्त हो सकेगा।
 
उत्तर : इस मुद्दे को हमेशा के लिए समाप्त करने का मात्र एक ही रास्ता हो सकता है कि कानून में संशोधन कर जिस व्यक्ति पर कम से कम चार आपराधिक मुकदमे चल रहे हों केवल उसे ही जन प्रतिनिधि की उम्मीदवारी के योग्य माना जाए। जब शत प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक प्रवृत्ति के होंगे तब यह मुद्दा ही समाप्त हो जाएगा। यदि यह माना जाए कि 'लोहा ही लोहे को काटता है’ तो देश में अपराध को ऐसे ही जनप्रतिनिधि रोक पाएंगे। वे सुनिश्चित करेंगे कि अपराध करना केवल उन्हीं का अधिकार है। आम जनता का नहीं।
 

सम्बंधित जानकारी

बॉलीवुड हलचल

रवीना टंडन नहीं करना चाहती थीं फिल्मों में काम, बनना चाहती थीं आईपीएस ऑफिसर

साई पल्लवी ने भारतीय सेना को लेकर कह दी ऐसी बात, सोशल मीडिया यूजर्स ने लगाई क्लास

इतने दिनों में शूट हुआ भूल भुलैया 3 का गाना आमी जे तोमार 3.0

Bigg Boss 18 के घर में हुआ डबल एलिमिनेशन, मुस्कान बामने के बाद कटा इस कंटेस्टेंट का पत्ता!

तलाक के 10 साल बाद ऐसा है रितिक रोशन और सुजैन खान का रिश्ता

सभी देखें

जरूर पढ़ें

स्त्री 2 फिल्म समीक्षा : विक्की की टीम का इस बार सरकटा से मुकाबला

खेल खेल में मूवी रिव्यू: अक्षय कुमार की कॉमिक टाइमिंग जोरदार, लेकिन ‍क्या फिल्म है मजेदार?

वेदा फिल्म समीक्षा: जातिवाद की चुनौती देती जॉन अब्राहम और शरवरी की फिल्म | Vedaa review

औरों में कहां दम था मूवी रिव्यू: अजय देवगन और तब्बू की फिल्म भी बेदम

Kill movie review: खून के कीचड़ से सनी सिंगल लोकेशन थ्रिलर किल

આગળનો લેખ
Show comments