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मीलों चले फिर मध्यप्रदेश आया तो मिली राहत, गुजरात से आने वाले मजदूरों को घर पहुंचाया

मीलों चले फिर मध्यप्रदेश आया तो मिली राहत, गुजरात से आने वाले मजदूरों को घर पहुंचाया
, मंगलवार, 5 मई 2020 (20:10 IST)
इंदौर। मध्यप्रदेश के एक कोने पर स्थित आलीराजपुर जिला गुजरात से आने वाले मजदूरों के लिए बड़ी राहत बना है। इंदौर संभाग के इस सीमांत जिले में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने सैकड़ों मजदूरों को वाहन व्यवस्था कर उनके घरों तक पहुंचाया गया है।

दो जून की रोटी की तलाश में अपनों से सैकड़ों मील दूर मजदूरी करने गए परिवार लॉकडाउन के बीच फंस गए थे। करीब एक माह के लंबे अंतराल और कोरोना वायरस विभीषिका के बीच अपने-अपने घरों तक पहुंचने की चिंता के साथ ही अन्य जिलों के सैकड़ों लोग पैदल, तो कोई साइकिल पर तो कोई अलग-अलग साधनों से निकल पड़े। 
 
चिलचिलाती धूप के बीच कई-कई मील का रास्ता तय करते हुए मध्यप्रदेश-गुजरात सीमा में बसे आलीराजपुर जिले में प्रवेश होने पर इन श्रमिकों को राहत मिली। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के दिशा निर्देशानुसार जिला प्रशासन ने इनका विशेष ख्याल रखा।

आलीराजपुर, उमरिया, सीधी, झाबुआ, खंडवा, बड़वानी, खरगोन, छिंदवाड़ा, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, उज्जैन, अशोक नगर, शिवपुरी, दतिया, रीवा, सतना, कटनी, शहडोल, सिंगरौली, सागर, सिवनी, राजगढ़, धार, मंदसौर, इंदौर, आगर मालवा, देवास, पन्ना सहित कई अन्य जिले एवं प्रदेश के श्रमिकों को अपने-अपने घरों तक पहुंचाने के प्रयासों के प्रयास शासन द्वारा किए गए
 
लॉकडाउन में फंसे ये श्रमिक सूरत, वापी, अंकलेश्वर सहित गुजरात के अलग-अलग स्थानों पर मजदूरी कार्य करने गए थे। इसी दौरान कोरोना वायरस महामारी के बीच लॉकडाउन हुआ और ये सभी जहां थे वहीं फंस गए। जैसे-जैसे लॉकडाउन के दिन बीतते गए, इनका धैर्य जवाब देने लगा।
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अलग-अलग संस्थाओं, संबंधित प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बीच भी इन श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुंचने की चिंता ने पैदल या अन्य किसी साधन से निकलने पर मजबूर कर दिया। ऐसे में म.प्र. सरकार ने गुजरात प्रशासन से समन्वय करके फंसे इन श्रमिकों को निकालने के प्रबंध किए।
 
आलीराजपुर जिले तक पहुंचे श्रमिकों को जिला प्रशासन ने जिले की सीमा क्षेत्र पर ही सर्वप्रथम स्वास्थ्य परीक्षण, डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए तरबूज, रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि हेतु आयुर्वेदिक दवाओं का वितरण, बच्चों के लिए बिस्किट जिले के अलग-अलग प्रवेश मार्गों पर अस्थायी डिटेंशन सेन्टरों में रूकने, भोजन, पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए उक्त श्रमिकों को अपने-अपने गृह जिले में भेजे जाने के लिए बसों की व्यवस्था की। 
 
इतना ही नहीं गुजरात के रास्ते आने वाले एक-एक श्रमिक एवं उनके परिवारजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। लॉकडाउन होने के बाद से श्रमिकों के लगातार आने का क्रम प्रारंभ हो गया था। इन श्रमिकों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही इन्हें सुरक्षित घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई।

जिले में आलीराजपुर, कट्ठीवाडा, चांदपुर, बोरी, छकतला एवं जोब,ट जहां अन्य राज्य एवं जिलों से आने वालें के लिए रिलीफ कैम्प स्थापित किए गए। साथ ही 290 ग्राम स्तरों पर शेल्टर हाउस स्थापित किए गए।
 
इस संबंध में कलेक्टर श्रीमती सुरभि गुप्ता ने बताया गुजरात के मार्ग से जिले में आने वाले श्रमिकों को हम उनके गृह क्षेत्र में पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं। हमने प्रत्एक आने वाले की स्क्रीनिंग, उनके भोजन, रूकने एवं बसों की व्यवस्था भी की है। बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों के श्रमिकों को उनके गृह जिले में पहुंचा चुके हैं, जो अब भी निरंतर जारी है। 
 
तीन प्रमुख चैकपोस्ट से आए श्रमिक : लॉकडाउन के कारण अलीराजपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के श्रमिक जो गुजरात में फंसे हुए थे वे जिले के प्रवेष मार्गों पर स्थित प्रमुख 3 चैक पोस्ट से आए। इसमें छकतला चैक पोस्ट से अलीराजपुर जिले के 1332 एवं अन्य जिले एवं राज्यों के 2100 मजदूर आए। 
 
वहीं चांदपुर चैक पोस्ट से अलीराजपुर जिले के 673 एवं अन्य जिले तथा राज्यों के 4254 श्रमिक आए। वहीं सेजावाड़ा चैक पोस्ट से अलीराजपुर जिले के 411 एवं अन्य जिले एवं राज्यों के 2416 श्रमिकों का आगमन हुआ। इन तीनों चैक पोस्टों के माध्यम से 4 मई की स्थिति में अलीराजपुर जिले के कुल 2416 मजदूर एवं अन्य जिले एवं राज्यों के कुल 6611 श्रमिक आए।

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