Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बिहार के एचआईटी कोविड ऐप से प्रभावित हुए प्रधानमंत्री, देशभर में उपयोग के लिए मांगा विवरण

बिहार के एचआईटी कोविड ऐप से प्रभावित हुए प्रधानमंत्री, देशभर में उपयोग के लिए मांगा विवरण
, बुधवार, 19 मई 2021 (23:02 IST)
पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घर पर रहकर स्वस्थ हो रहे कोरोनावायरस (Coronavirus) रोगियों की स्थिति 
पर नजर रखने के लिए बिहार सरकार द्वारा विकसित अभिनव होम आइसोलेशन ट्रैकिंग (एचआईटी) ऐप की सराहना की है। 9 राज्यों के विभिन्न जिलों के अधिकारियों के साथ मंगलवार को बातचीत के दौरान मोदी को पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने एचआईटी ऐप के बारे में बताया।

चंद्रशेखर ने कहा कि ऐप से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने देशभर में इसके उपयोग के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इसका विवरण भेजने का आदेश दिया। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को बताया, स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एचआईटी कोविड ऐप का एक पेज का विवरण भेजा है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घर में रहकर घातक बीमारी का इलाज करा रहे कोरोनावायरस रोगियों तक पहुंचने के लिए सोमवार को एचआईटी कोविड ऐप लॉन्च किया था। परियोजना के हिस्से के रूप में जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता होम आइसोलेशन में रोगियों का दैनिक आधार पर तापमान और ऑक्सीजन स्तर रिकॉर्ड करने के लिए जाते हैं और डेटा को ऐप में फीड किया जाता है।

सूचना के आधार पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमार व्यक्तियों के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाती है। एचआईटी ऐप को स्वास्थ्य विभाग के मार्गदर्शन में बिहार राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम बेल्ट्रोन द्वारा विकसित किया गया है। प्रत्यय ने कहा कि ऐप को शुरू में परीक्षण के आधार पर पांच जिलों में लॉन्च किया गया था और इसकी सफलता को देखते हुए इसे पूरे राज्य में शुरू किया गया है।

हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जहां होम क्वारंटाइन मरीजों के बेहतर रखरखाव के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अभ्यास के हिस्से के रूप में 80,000 आशा या सहायक नर्स मिडवाइफ कार्यकर्ता और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा प्रशिक्षित 15,000 ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड रोगियों के घर-घर सर्वेक्षण के लिए लगाया गया है।

प्रत्यय ने कहा कि इस योजना ने सुपौल जिले में गंभीर रूप से बीमार दो कोविड रोगियों की पहचान करने में मदद की जिन्हें समय पर चिकित्सा प्रदान की गई थी। उन्होंने कहा कि यह ऐप बिहार के ग्रामीण इलाकों में फैले कोविड 19 से लड़ने में एक बड़ी मदद है।
ALSO READ: Coronavirus महामारी के दौर के 10 सबक, आपने नहीं सीखे क्या?
एनआईओएस के निदेशक संजय कुमार सिन्हा ने दिल्ली से फोन पर बताया कि एमबीबीएस डॉक्टरों द्वारा उन्हें एक साल का क्रैश कोर्स दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक वर्षीय पाठ्यक्रम में नामांकित लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बुनियादी स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज की कक्षाएं दी गईं।
ALSO READ: केंद्र सरकार की चेतावनी, 98 प्रतिशत आबादी अभी भी आ सकती है Coronavirus की चपेट में
संजय ने कहा कि यह परियोजना बिहार में 2015 में शुरू की गई थी, जब उन्हें पटना में एनआईओएस के क्षेत्रीय निदेशक के रूप में तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि बिहार में 15,000 से अधिक ने एनआईओएस द्वारा आयोजित परीक्षा उत्तीर्ण की है और उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता का प्रमाण पत्र दिया गया है।

संजय ने हालांकि कहा कि इन सामुदायिक स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिया जाता है कि वे केवल जरूरतमंदों को बुनियादी चिकित्सा सहायता प्रदान करें और समस्या गंभीर होने पर उन्हें अस्पताल पहुंचाने में मदद करें।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

क्या दूर होगी किसानों की नाराजगी? मोदी सरकार ने खाद सब्सिडी 140% बढ़ाई- PMO ने बताया 'ऐतिहासिक फैसला'