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Corona Virus पर PM नरेन्द्र मोदी बोले, रविवार को जनता कर्फ्यू

Corona Virus पर PM नरेन्द्र मोदी बोले, रविवार को जनता कर्फ्यू
, गुरुवार, 19 मार्च 2020 (20:29 IST)
नई दिल्ली। दुनियाभर में 9 हजार से ज्यादा लोगों को मौत की नींद सुला चुके कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर भारत भी बेहद सतर्क है। राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया को जितना विश्वयुद्ध ने प्रभावित नहीं किया था, उससे ज्यादा कोरोना वायरस ने प्रभावित किया है। उन्होंने देश की जनता को आश्वस्त किया कि कोरोना से घबराएं नहीं। पूरे देशवासी रविवार को 'जनता कर्फ्यू' का पालन करें... 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा.... 

-जनता कर्फ्यू, जनता के लिए जनता द्वारा लगाया कर्फ्यू। सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना चाहिए। 22 मार्च को सुबह 7 से रात 9 बजे तक देश की जनता खुद पर कर्फ्यू लगाए।
-जनता कर्फ्यू हमें आने वाली स्थितियों से निपटने में मदद करेगी।
-जनप्रतिनिधि, सरकारी कर्मचारी, मीडिया कर्मियों की सक्रियता तो आवश्यक है, लेकिन बाकी लोग भीड़भाड़ और पार्टी समारोहों से आइसोलेट कर लेना चाहिए।
-रोज का जरूरी सामान्य इकट्‍ठा करने का प्रयास न करें।
-मुझे उम्मीद है कि सभी देशवासी आने वाले समय में अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वाह इसी तरह करते रहेंगे। 
-देश में जरूरी सामान का कोई संकट नहीं है। 
-आज देश में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार हो, स्थानीय निकाय, जनप्रतिनिधि या सिविल सोसायटी हो, हर कोई इस वैश्विक बीमारी से बचने के लिए योगदान दे रहा है। 
-शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि पर संकल्प लें आओ हम खुद को भी बचाएं, देश को भी बचाएं और दुनिया को भी बचाएं। 


-शाम 5 बजे अपने घर के दरवाजे पर खड़े हो 5 मिनट तक कोरोना से लड़ने वालों के प्रति आभार व्यक्त करें। यह आप ताली बजाकर, थाली बजाकर कर सकते हैं। 
-जनता कर्फ्यू पर आप सब 10 लोगों को जागरूक करें। 
-संकट के समय आपको यह भी ध्यान रखना है। हमारी आवश्यक सेवाओं पर हमारे अस्पतालों पर दबाव बढ़ना नहीं चाहिए।   
-रूटीन चेकअप के लिए अस्पताल न जाएं ताकि अव्यवस्था न फैले। परिचित डॉक्टरों से फोन पर ही सलाह ले लें। 
-ऐसी सर्जरी जो बहुत जरूरी नहीं हो, उसे भी आगे बढ़ा लें। 
-कोरोना का अर्थव्यवस्था पर भी असर हो रहा है। सरकार ने एक कोविड-19 रिस्पॉन्स टास्क फोर्स गठन का ऐलान किया है। 
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-यह टास्क फोर्स निकट भविष्य में आर्थिक मामलों से जुड़े फैसले लेगी। 
-इस महामारी ने देश के मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग को गहरी क्षति पहुंचाई है। 
-संकट के इन क्षणों में मेरा देश के व्यापारीगणों से आग्रह है कि आप जिन लोगों से सेवा लेते हैं उनके आर्थिक हितों का खयाल रखें। उन का वेतन न काटें, पूरी मानवीयता के साथ, संवेदनशीलता के साथ फैसला लें। हमेशा याद रखें कि उन्हें भी अपना परिवार चलाना है।
-देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयों की कमी न हो, इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। इनकी सप्लाई रुकने नहीं दी जाएगी।
-सीनियर सिटीजन (60 से ऊपर) घर से बिलकुल भी बाहर न निकलें। 
 
-ऐसी स्थिति में एक ही मंत्र काम करता है- 'हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ'। हमारा स्वस्थ रहना पहली प्राथमिकता है।
-भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना। अत: संयम बनाकर रखें।
-सोशल डिस्टेंसिंग कारगर और आवश्यक है। 
-हमारा संकल्प और संयम बीमारी को रोकने में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है। 
-आप यह सोचते हैं कि आपको कुछ नहीं होगा, यह सोच नहीं है। आप ऐसा करके अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे। 
-आने वाले कुछ सप्ताह तक बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें। 
-जितना संभव हो आप अपना काम हो सके तो अपने घर से ही करें। 
 

-पिछले दो महीनों से हम कोरोना को लेकर चिंताजनक खबरें देख रहे हैं।
-कुछ देशों में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। 
-भारत सरकार वैश्विक महामारी के फैलाव के ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है। 
-130 करोड़ की आबादी वाले देश पर कोरोना का संकट सामान्य बात नहीं है। 
-भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, यह मानना गलत है। 
-इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है। पहला संकल्प और दूसरा संयम आवश्यक।
-लोगों को संकल्प दृढ़ करना होगा कि नागरिक होने के नाते अपने कर्तव्य का पालन करेंगे। केन्द्र और राज्य सरकारों के निर्देशों का पूरी तरह पालन करेंगे। 
-हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे। 
 
-पूरी दुनिया संकट के दौर से गुजर रही है। 
-विश्वयुद्ध के दौरान भी दुनिया इतनी ज्यादा प्रभावित नहीं हुई। 
-मैं 130 करोड़ देशवासियों से कुछ मांगने आया हूं, मुझे आपसे कुछ समय चाहिए, कुछ सप्ताह चाहिए।
-कोरोना से बचने के विज्ञान कोई निश्चित उपाय सुझा सका है, न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई। अत: चिंता बढ़ना स्वाभाविक है। 
-कोरोना को लेकर निश्चिंतता गलत।
-कोरोना मानव जाति के लिए गंभीर खतरा। 

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