इंदौर। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की सफर की दर्दभरी तस्वीरें सामने आ रही हैं। जिले की सीमा से पैदल अपने गंतव्य को जा रहे मजदूरों के लिए कलेक्टर मनीषसिंह ने योजना बनाई है। वेबदुनिया ने मप्र सीमा से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों की परेशानियों को प्रमुखता से उठाया है।
सिंह ने बताया कि जिले में कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मजदूरों का आवागमन बड़ी संख्या में हो रहा है। इंदौर जिले की सीमा पर ग्राम मानपुर से कई मजदूर आ रहे हैं।
सिंह ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को इंदौर जिले की सीमा से समीप के जिले तक छोड़ने के लिए स्कूल तथा कॉलेज की बसों की सहायता ली जाएगी। इसके लिए स्कूल और कॉलेज की बसों को परमिट से मुक्त किया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि मजदूरों से यात्रा के लिए कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। आज से 17 मई तक ये बसें चलाई जाएंगी। इन कार्यों में लगी बसों को किसी भी डीजल पंप से डीजल लेने की पात्रता रहेगी।
सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान : स्कूल-कॉलेजों से कहा गया है कि वे अपनी बसों के माध्यम से मजदूरों को मानपुर स्थित इंदौर की सीमा से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए जिले की सीमा से बाहर तक छोड़कर आएं।
सिंह ने कहा कि स्कूल बसों इसके लिए किसी प्रकार के परमिट की आवश्यकता नहीं होगी। परिवहन विभाग का भी इस काम में सहयोग मिलेगा।
स्कूल-कॉलेज संचालक इस पूरी मुहिम को फोन द्वारा संचालित करेंगे, उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी। वाहन प्रभारी को मॉनीटिरिंग के लिए स्कूल प्रांगण जाने की इजाजत होगी और उन्हें कर्फ्यू पास की आवश्यकता नहीं होगी।
ग्राम पंचायतों को निर्देश : सिंह ने इंदौर जिले की समस्त पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि जहां से मजदूरों की आवाजाही चल रही है, वहां टेंट लगाकर पेयजल-भोजन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।