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महाराष्ट्र : CM ठाकरे का ऐलान- कम संक्रमण वाले जिलों में रात 8 बजे तक खुली रहेंगी दुकानें, लोकल ट्रेनों को लेकर कही यह बात...

महाराष्ट्र : CM ठाकरे का ऐलान- कम संक्रमण वाले जिलों में रात 8 बजे तक खुली रहेंगी दुकानें, लोकल ट्रेनों को लेकर कही यह बात...
, सोमवार, 2 अगस्त 2021 (21:24 IST)
पुणे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन जिलों में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 संक्रमण दर कम है, वहां पर दुकानों को रात 8 बजे तक खोलने के लिए उनकी सरकार आज (सोमवार को) आदेश जारी करेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में मुंबई के लोकल ट्रेनों में समाज के हर तबके को यात्रा की अनुमति देना कठिन होगा, क्योंकि पाबंदियों में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है।

ठाकरे यहां से करीब 230 किलोमीटर दूर सांगली में कर रहे थे। उन्होंने उन इलाकों के लोगों से सहयोग की अपील की जहां अधिक मामलों के कारण पाबंदियों में ढील संभव नहीं है। उन्होंने कहा, जहां तक ढील दिए जाने का संबंध है तो राज्य सरकार आज आदेश जारी कर रही है कि (जहां संक्रमण दर कम है) दुकानें आठ बजे रात तक खोलने की अनुमति दी जाए। बहरहाल, जहां संक्रमण के मामलों में अब भी कमी नहीं आ रही है वहां पाबंदियां वैसे ही जारी रहेंगी।

राज्य के कई व्यवसायी और विपक्षी भाजपा मांग कर रही है कि दुकानों के खुलने का समय शाम चार बजे से बढ़ाकर रात आठ बजे तक किया जाए। ठाकरे ने बताया कि सतारा, सांगली, कोल्हापुर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग सहित ऐसे सभी जिलों में कोविड-19 की स्थिति चिंताजनक है।
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उन्होंने कहा, मैंने जिलाधिकारियों से कहा है कि जांच की संख्या बढ़ाई जाए, साथ ही चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाई जाए, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि लोगों की कोविड-19 एवं जलजनित बीमारियों से रक्षा हो सके।चिकित्सा ऑक्सीजन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एक आकलन के मुताबिक संभावित तीसरी लहर के दौरान एलएमओ की संख्या दूसरी लहर की तुलना में दोगुनी कर दी जाएगी।
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समाज के सभी तबके को लोकल ट्रेनों से यात्रा की अनुमति देने के बारे में उन्होंने कहा कि पहले चरण में इस पर निर्णय करना कठिन होगा क्योंकि हम धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दे रहे हैं और इसके प्रभाव एवं दुष्प्रभावों का विश्लेषण कर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने निजी सेक्टर से अपील की कि कार्यालय के समय को अलग-अलग करें ताकि एक वक्त पर उनके परिसर में उपस्थित लोगों की संख्या कम रहे। साथ ही लोग बारी-बारी से ‘वर्क फ्रॉम होम’ एवं ‘वर्क इन ऑफिस’ का विकल्प चुन सकें।(भाषा)

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