मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को फिर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। ईडी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
देशमुख ने अपने अधिवक्ता इंद्रपाल सिंह के माध्यम से ईडी को दो पन्नों का पत्र भेजा और कहा कि वह अपना प्रतिनिधि भेज रहे हैं। ईडी ने पहले भी देशमुख को धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए तीन बार बुलाया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे।
ईडी ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अनिल देशमुख और उनके बेटे हृषिकेश देशमुख को सोमवार को दक्षिण मुंबई में जांच एजेंसी के कार्यालय में पेश होने के लिए नया समन जारी किया, लेकिन वह पेश नहीं हुए। सूत्रों ने पूर्व में कहा था कि ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत अनिल देशमुख को तलब किया था, क्योंकि एजेंसी मामले में उनका बयान दर्ज करना चाहती है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह ईडी द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा के अनुरोध वाली अनिल देशमुख की याचिका पर तीन अगस्त को सुनवाई करेगा। अनिल देशमुख ने पिछले महीने कहा था कि वह अपनी याचिका पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद धन शोधन मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए ईडी के सामने पेश होंगे।
बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में आरंभिक जांच शुरू की, जिसके बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। अदालत ने सीबीआई से अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए रिश्वत के आरोपों की जांच करने को कहा था। अप्रैल में गृहमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले देशमुख ने सभी आरोपों से इनकार किया था।(भाषा)