Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कहीं लॉकडाउन, कहीं लगे प्रतिबंध, क्‍या हाल है दुनिया के देशों में?

कहीं लॉकडाउन, कहीं लगे प्रतिबंध, क्‍या हाल है दुनिया के देशों में?
, मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (18:47 IST)
कोरोना वायरस के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अब ओमिक्रॉन ने भारत समेत कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। चिंता की बात इसलिए है, क्योंकि करीब 92 देशों में ओमिक्रॉन ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी है और यूरोप के तो अधिकतर देशों में इस वेरिएंट ने अपने पांव पसार लिए हैं।

ओमिक्रॉन से आने वाली संकट की स्थिति को रोकने के लिए कई देशों ने कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। यहां तक कि कुछ देश में तो लॉकडाउन की स्थिति बन गई है या फिर लॉकडाउन लग चुका है।

नीदरलैंड की सरकार ने तो नेशनल लॉकडाउन ही लगा दिया है। अब 14 जनवरी 2022 तक यह लॉकडाउन प्रभावी होने वाला है। नीदरलैंड में बढ़ते कोरोना के डर से यह कदम उठाया गया है और यह कदम ओमिक्रॉन संस्करण की वजह से पांचवीं लहर के कारण लगाया जा रहा है। इसके अलावा फ्रांस, साइप्रस और ऑस्ट्रिया जैसे देश भी कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं।

ब्रिटेन में अभी कोरोना को बढ़ने से रोकने के लिए क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर खास रणनीति बनाई जा रही है। इस रणनीति के जरिए ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में क्रिसमस से ठीक पहले त्यौहार की भीड़ रोकने और नए वैरिएंट को फैलने से रोकने के तहत प्रतिबंधात्मक उपाय किए हैं और लोगों पर कई तरह के बैन लगाए हैं।

जर्मनी और फ्रांस ने भी इस वैरिएंट से बचाव के लिए सख्ती शुरू कर दी है। क्रिसमस और न्यूईयर पर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए कई आयोजनों पर भी बैन लगाए गए हैं।

हवाई यात्रा पर तो अधिकतर देशों ने पाबंदी लगा दी है। हाल ही में इजरायल ने ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार को देखते हुए अमेरिका, कनाडा और जर्मनी समेत 10 देशों को अपनी नो-फ्लाई सूची में जोड़ते हुए यात्रा प्रतिबंध लगा दिए हैं।

यात्रा प्रतिबंध की सूची में शामिल अन्य देश बेल्जियम, कनाडा, जर्मनी, हंगरी, इटली, मोरक्को, पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड और तुर्की हैं। इसके अलावा साउथ अफ्रीका समेत कई देशों पर तो भारत समेत कई देशों ने हवाई यात्रा को रोक दिया गया है। भारत में भी हवाई उड़ानों को लेकर कई नियम बनाए गए हैं और बाहर से आने वाले यात्रियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

ओमिक्रॉन को देखते हुए जिन देशों में अभी तक वैक्सीन की बूस्टर लोग नहीं लग रही है, वहां बूस्टर डोज देने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा जिन देशों में बूस्टर डोज को मंजूरी मिल चुकी है, वहां इसकी अवधि घटाने पर विचार किया जा रहा है।

पहले बूस्टर डोज का टाइम तीन महीने बताया जा रहा था, जो अब तीन महीने किए जाने परर बात चल रही है। चिंता का विषय इसलिए है, क्योंकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह संस्करण कोरोना के डेल्टा स्वरूप से भी ज्यादा तेजी से फैल रहा है। ऐसे में जल्द ही बूस्टर खुराक देने से सुरक्षा का स्तर बढ़ाया जा सकता है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

Voter ID को Aadhaar Card से लिंक करने का सबसे आसान तरीका