Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मध्यप्रदेश कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान तेज, 'महाराज' की घेराबंदी

मुस्तफा हुसैन
विधानसभा चुनाव को लेकर दिल्ली में मजमा लगा है। रोज नई खबरें राजनीतिक हलको में हलचल मचा रही हैं। टिकटों को लेकर कांग्रेस में घमासान जारी है क्योंकि एक टीवी चैनल के सर्वे के बाद कांग्रेस को यह पक्का लग रहा है कि मध्यप्रदेश में उसकी सरकार बन रही हैं, जिसके चलते कांग्रेस में अंदर खाने सीएम पद को लेकर लड़ाई तेज हो गई है। 
 
जानकारों की मानें तो दिल्ली में कमलनाथ, दिग्विजयसिंह ओर मीनाक्षी नटराजन में खास तालमेल बैठ गया है, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने दम पर टिकटों की लड़ाई लड़ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि तीनों बड़े नेताओं का जोर मालवा की 48 सीट पर 'महाराज' को टिकिट लेने से रोकना है।
 
 
चूंकि मालवा पूर्व में सिंधिया रियासत का हिस्सा रहा है और इस इलाके में सिंधिया का एकाधिकार माना जाता है। वहीं मालवा के इस हिस्से में कांग्रेस खुद को ताकतवर मानती है, जिसके चलते हो सकता है कांग्रेस में नेता आपस में पैक्ट करके अपने ज्यादा विधायक लाना चाहते हों ताकि जब कांग्रेस की सरकार बने तो सिंधिया को सीएम बनने से रोक जा सके।
 

लेकिन, मालवा के पिपलियामंडी और ग्वालियर चंबल इलाके में राहुल गांधी की सभाओं में जो जनसैलाब उमड़ा है, उससे महाराज सिंधिया के निश्चित तौर पर नम्बर बढ़े हैं और इनके इस बढ़ते कद के चलते भी कांग्रेस में घमासान संभव है।
 
 
सिंधिया की इस बढ़ती ताकत को देखते हुए लगता है कि मीनाक्षी नटराजन ने दो पाटीदार नेताओं सतनारायण पाटीदार जावद ओर त्रिलोक पाटीदार गरोठ के सिर पर हाथ रखा है ताकि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की मदद से इनको टिकिट दिलवाया जा सके। कांग्रेस नेता सत्यनारायण पाटीदार ने तो चार माह पहले जावद विधानसभा क्षेत्र में किसान सम्मलेन का आयोजन कर हार्दिक पटेल को बुलाया था।
 
गुजरात की तरह हार्दिक ने मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की मदद करने की ठानी है। वे कहते हैं कि चुनाव में ताकत से घूमूंगा ओर किसानों के हक की आवाज उठाऊंगा। पटेल के अलावा देश के बड़े दलित नेता गोपाल डेनवाल ने भी मालवा में अपना पांव फंसा रखा है। राजस्थान बेस्ड दलित नेता डेनवाल का मालवा में खासा आधार है और संभावना ये बताई जा रही है कि बसपा गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस एमपी व राजस्थान में डेनवाल को अपने साथ मिला लेगी।
 
इसको लेकर दलित नेता डेनवाल की कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ओर गुलाम नबी आजाद के साथ बैठकें भी हो चुकी हैं। यदि दलित नेता डेनवाल का कांग्रेस से तालमेल बैठा तो वे भी मालवा में टिकट की मांग कर सकते हैं। कुल मिलाकर जो हालात बने हैं उसमें कांग्रेस अक्टूबर के पहले पखवाड़े में टिकट का ऐलान कर सके, इसकी संभावना कम ही लगती है। 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सरकार ने 2 रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी, जानिए किन राज्‍यों को होगा फायदा, कितनी है लागत

सुप्रीम कोर्ट ने दी व्यवस्था, संपत्ति ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोग कर सकते हैं अदालत का रुख

આગળનો લેખ
Show comments