Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

नेफ़्टाली बेनेट कौन हैं, जो बन सकते हैं इसराइल के नए प्रधानमंत्री

नेफ़्टाली बेनेट कौन हैं, जो बन सकते हैं इसराइल के नए प्रधानमंत्री
, शुक्रवार, 4 जून 2021 (09:12 IST)
नेफ़्टाली बेनेट की नज़र इसराइल के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर लंबे समय से है लेकिन अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं, तो कई मामलों में बेहद ख़ास होगा। नेफ़्टाली की यामिना पार्टी को पिछले आम चुनाव में मुट्ठी भर सीटों पर ही जीत मिली थी।
 
बेनेट की पार्टी सात सांसदों के साथ पाँचवें नंबर पर है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक स्थिति में वह किंगमेकर की भूमिका में हैं। यामिना पार्टी के साथ ही तीन और पार्टियाँ हैं, जिनके सात-सात सांसद हैं।
 
नेफ़्टाली का समर्थन इसराइल में सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी खेमे के पास बहुमत नहीं है। अगर कोई गठबंधन सरकार बनती है तो नेफ़्टाली के बिना नहीं बनेगी।
 
नेफ़्टाली को बिन्यामिन नेतन्याहू और विपक्षी नेता येर लेपिड के साथ प्रधानमंत्री का पद साझा करने का प्रस्ताव दिया गया था। आख़िरकार दक्षिणपंथी नेफ़्टाली ने मध्यमार्गी येर लेपिड के साथ जाने का फ़ैसला किया जबकि दोनों में विचारधारा के स्तर पर काफ़ी दूरियाँ हैं।
 
49 साल के नेफ़्टाली को एक समय तक नेतन्याहू का वफ़ादार माना जाता था। नेतन्याहू से अलग होने से पहले तक नेफ़्टाली 2006 से 2008 तक इसराइल के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ रहे थे।
 
नेतन्याहू की लिकुड पार्टी छोड़ने के बाद नेफ़्टाली दक्षिणपंथी धार्मिक यहूदी होम पार्टी में चले गए थे। 2013 के आम चुनाव में नेफ़्टाली इसराइली संसद में चुनकर पहुँचे।
 
सफ़र
साल 2019 तक हर गठबंधन सरकार में नेफ़्टाली मंत्री बने। साल 2019 में नेफ़्टाली के नए दक्षिणपंथी गठबंधन को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। 11 महीने बाद फिर चुनाव हुए और नेफ़्टाली यामिना पार्टी के प्रमुख के तौर पर संसद में चुनकर पहुँचे।
 
नेफ़्टाली को नेतन्याहू से भी ज़्यादा अति-राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी माना जाता है। नेफ़्टाली इसराइल की यहूदी राष्ट्र के तौर पर वक़ालत करते हैं। इसके साथ ही वे वेस्ट बैंक, पूर्वी यरुशलम और सीरियाई गोलान हाइट्स को भी यहूदी इतिहास का हिस्सा बताते हैं।
 
इन इलाक़ों पर 1967 के मध्य-पूर्व युद्ध के बाद से इसराइल का नियंत्रण है। नेफ़्टाली वेस्ट बैंक में यहूदियों को बसाने का समर्थन करते हैं और इसे लेकर वो काफ़ी आक्रामक रहे हैं।
 
हालाँकि वे ग़ज़ा पर कोई दावा नहीं करते हैं। 2005 में इसराइल ने यहाँ से सैनिकों को हटा लिया था। वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम की 140 बस्तियों में 6 लाख से ज़्यादा यहूदी रहते हैं। इन बस्तियों को क़रीब-क़रीब पूरा अंतरराष्ट्रीय समुदाय अवैध मानता है, जबकि इसराइल इसे नकारता है।
 
फ़लस्तीनियों और इसराइल के बीच बस्तियों का निर्धारण सबसे विवादित मुद्दा है। फ़लस्तीनियों इन बस्तियों से यहूदियों को हटाने की मांग कर रहे हैं और वे वेस्ट बैंक, ग़ज़ा के साथ एक स्वतंत्र मुल्क चाहते हैं, जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो।
 
नीतियाँ
नेफ़्टाली इसे सिरे से ख़ारिज करते हैं और वे चाहते हैं कि यहूदियों की बस्तियाँ तेज़ी से बसाई जाएँ। नेफ़्टाली को लगता है कि यहूदियों को बसाने के मुद्दे पर नेतन्याहू की नीति भरोसे लायक़ नहीं है।
 
नेफ़्टाली फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी बोलते हैं और अक्सर विदेशी टीवी नेटवर्क पर दिखते हैं और इसराइली कार्रवाइयों का बचाव करते हैं। घरेलू टीवी बहसों में नेफ़्टाली बिना लाग लपेट के और आक्रामक होकर बोलते हैं।
 
एक बार एक अरब इसराइली सांसद ने कहा था कि इसराइल को वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियाँ बसाने का कोई अधिकार नहीं है। इसे धिक्कारते हुए नेफ़्टाली ने कहा था- जब आप पेड़ पर झूला झूल रहे थे, तभी से यहाँ एक यहूदी स्टेट है।
 
नेफ़्टाली इसराइल से लगे फ़लस्तीनियों के लिए एक मुल्क की मांग को ख़ारिज करते हैं। दूसरी तरफ़ अंतरराष्ट्रीय समुदाय दो-राष्ट्र सिद्धांत को इसराइल और फ़लस्तीनियों की समस्या के समाधान के रूप में देखता है।
 
दो-राष्ट्र सिद्धांत की वकालत अमेरिका भी करता रहा है और राष्ट्रपति जो बाइडन भी इससे सहमत दिखते हैं।
 
सख़्त क़दम के पैरोकार
फ़रवरी 2021 में नेफ़्टाली ने एक इंटरव्यू में कहा था, ''जब तक मैं किसी भी रूप में सत्ता में हूँ, तब तक एक सेंटीमीटर ज़मीन नहीं मिलेगी।'' वेस्ट बैंक में नेफ़्टाली इसराइल की पकड़ और मज़बूत करने की वकालत करते हैं। नेफ़्टाली वेस्ट बैंक के इलाक़े को हिब्रू में जुडिया और सामरिया कहते हैं।
 
नेफ़्टाली फ़लस्तीनी चरमपंथियों से निपटने के लिए और सख़्त क़दम उठाने की बात करते हैं। वह मौत की सज़ा देने की वकालत करते हैं। यहूदियों के जनसंहार में दोषी ठहारए गए एडॉल्फ आइशमन को 1961 में इसराइल में आख़िरी बार फाँसी दी गई थी। उसके बाद से किसी को भी सज़ा-ए-मौत नहीं मिली है।
 
नेफ़्टाली ने ग़ज़ा के प्रशासक हमास के साथ 2018 में हुई युद्धविराम संधि का विरोध किया था। उन्होंने पिछले महीने मई में 11 दिनों तक हमास के साथ चले हिंसक संघर्ष में मारे गए फ़लस्तीनियों के लिए भी उसे ही ज़िम्मेदार ठहराया है।
 
नेफ़्टाली की राजनीति में यहूदी गर्व और राष्ट्रवाद सबसे अहम है। वे अपने सिर पर किप्पाह पहनते हैं। इससे धार्मिक यहूदी अपना सिर ढँकते हैं।
 
2014 में पार्टी के कैंपेन में नेफ़्टाली ने न्यूयॉर्क टाइम्स और लेफ़्ट-विंग अख़बार हारेट्ज़ की नक़ल करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था। दोनों अख़बारों ने इसराइल की कार्रवाइयों की आलोचना की थी।
 
इस वीडियो में नेफ़्टाली न्यूयॉर्क टाइम्स और हारेट्ज़ का मज़ाक उड़ाते हुए लगातार सॉरी-सॉरी बोलते दिखे थे। वीडियो के अंत में नेफ़्टाली घोषणा करते हैं कि अब माफ़ी मांगना बंद कर देंगे।
 
नेफ़्टाली की पृष्ठभूमि राजनीति में आने से पहले सेना और कारोबारी की थी। वे इसराइली विशेष बलों की दो ब्रांचों में सेना में रहने के दौरान सेवा दे चुके हैं। सेना में सेवा देने के बाद उन्होंने कई हाई-टेक कंपनियों को खड़ा किया और इससे उन्होंने बेशुमार पैसे कमाए।
 
2014 में नेफ़्टाली ने एक इंटरव्यू में अपनी संपत्ति के बारे में कहा था, ''न मैं 17 स्टिक्स खाता हूँ और न ही प्राइवेट प्लेन है। बस मेरी इतनी हैसियत है कि जो करना चाहता हूँ उसे कर लेता हूँ।''

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

चीन बहाना चाहता है दूध की नदियां, पर गाय नहीं हैं