Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

'उसे मेरे तेज़ाब से झुलसे चेहरे से प्यार हो गया...'

Webdunia
शनिवार, 11 नवंबर 2017 (15:09 IST)
- सिन्धुवासिनी और बुशरा शेख़
''उसे मेरे तेज़ाब से झुलसे चेहरे से प्यार हो गया था...मैं उसकी बातों पर यक़ीन नहीं कर पा रही थी।'' रानी उत्साह में भरकर बताती हैं। गुलाबी रंग की स्कर्ट पहने रानी की शोख़ी और खिलखिलाहट से आस-पास का माहौल गूंज उठता है। उनकी आंखों पर काला चश्मा है। एसिड अटैक के बाद उनकी आंखें खराब हो गई थीं और चार महीने पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ है।
 
ओडिशा के जगतसिंहपुर की रानी का असली नाम प्रमोदिनी राउल है। घर के लोग और दोस्त उन्हें प्यार से रानी कहते हैं। डांस करना रानी का शौक़ था और जुनून भी। 14-15 साल की रानी किसी आम किशोरी की तरह अपने सपनों की दुनिया में जी रही थी कि एक दिन अचानक सबकुछ बदल गया।
 
उनकी ज़िंदगी में एक अनचाहे शख़्स ने दस्तक दी और उनसे प्यार की बात कही। रानी ने इनकार कर दिया और यहीं से उनका उत्पीड़न शुरू हो गया। रानी याद करती हैं, ''वो पूरे साल मेरे घर पर फ़ोन करके सबको परेशान करता रहा। बदकिस्मती से हमने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। हमें लगा था कि वो हारकर हमें तंग करना बंद कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।''
 
एक दिन रानी अपने कज़न के साथ साइकिल पर बैठकर स्कूल से वापस आ रही थीं। तभी उसने पीछे से आकर उन पर तेज़ाब फेंक दिया। उन्होंने बताया, ''मैं और मेरा भाई, दोनों साइकिल से गिर पड़े। पहले तो ऐसा लगा जैसे मुझ पर उबलता पानी फेंका गया है।'' तेज़ाब रानी के सिर और पीठ पर पड़ा था जो उनके बालों से टपककर चेहरे और हाथ पर आ रहा था।
रानी बताती हैं, ''मैं नीचे ज़मीन पर गिर गई थी। तेज़ाब टपककर घास पर गिर रहा था और मैंने देखा कि वो घास भी झुलसती जा रही है। मुझे भयंकर जलन हो रही थी और मेरे बालों से धुआं निकल रहा था।'' थोड़ी देर में गांव के लोग इकट्ठा हो गए और रानी को हॉस्पिटल ले जाया गया। अस्पताल में वो नौ महीने तक आईसीयू में रहीं। इस दौरान रानी जिस तकलीफ़ से होकर गुजरीं उसे याद करके वो आज भी सिहर उठती हैं।
 
उन्होंने बताया, ''मुझे एक बड़े से बाथटब में बैठाया जाता था जो डेटॉल जैसी तीख़ी महक वाली तरल दवाइयों से भरा होता था। उसमें मेरी ड्रेसिंग होती थी यानी मेरी स्किन उधेड़ी जाती थी। मैं दर्द से बदहवास सी हो जाती थी।'' उनके आंखों की रोशनी चली गई थी और वो चल भी नहीं पा रही थीं। उनका चेहरा और एक हाथ पूरी तरह जल गया था। बाल उड़ गए थे और पूरी पीठ भी जल गई थी।
 
रानी का वज़न 60 से घटकर 28 किलो हो गया था क्योंकि उनके शरीर का आधा चमड़ा और मांस लगभग खत्म हो गया था, सिर्फ हड्डियां बची थीं। वो आगे बताती हैं, ''चार-पांच नर्सें मुझे पकड़कर रखती थीं और डॉक्टर मुझसे माफ़ी मांगते हुए ड्रेसिंग करते थे। वे कहते थे अगर अभी मैंने ये दर्द न झेला तो जी नहीं पाऊंगी।'' नौ महीने के बाद पैसों और कुछ दूसरी परेशानियों की वजह से घर वापस आ गईं। इसके बाद चार साल तक बिस्तर पर पड़ी रहीं। उनके घाव सड़ गए थे, उनसे पस आने लगा था।
 
इस मुश्किल घड़ी में रानी की मां हमेशा उनके साथ रहकर उनकी देखभाल करती रहीं। नौ महीने तक आईसीयू में रहने के बाद रानी का शरीर एकदम से जकड़ गया था, वो हिल भी नहीं पाती थीं। जब घर में रहना मुश्किल हो गया तो उन्हें फिर अस्पताल ले जाया गया। यहां कुछ नर्सों से उनकी दोस्ती हो गई।
 
एक दिन हॉस्पिटल की नर्स किसी को रानी से मिलवाने के लिए लेकर आई। वो शख़्स थे- सरोज साहू। एक बार फिर, वो दिन रानी की ज़िंदगी बदलने के इरादे से आया था। लेकिन इस बार उनकी ज़िंदगी कुछ ऐसे बदली की ग़मों की बदली छंटने लगी। सरोज को रानी से कुछ ऐसी हमदर्दी हुई कि उन्होंने दो महीने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और रात-दिन उनकी देखभाल करने लगे।
 
रानी बताती हैं, ''सरोज ने डॉक्टर से पूछा था कि मैं चलना कब शुरू करूंगी। डॉक्टरों का कहना था कि मैं एक साल से पहले तक नहीं चल सकती।'' सरोज ने खुद को चुनौती दी और कहा कि वो रानी को चार महीने में चलाकर दिखाएंगे। उनकी मेहनत रंग ला रही थी और दोस्ती भी।
 
आखिर चार महीने के भीतर रानी बिना किसी सहारे के खड़ी हुईं। फिर धीरे-धीरे चलना भी शुरू किया। इस बीच सरोज ने उनके सामने तो अपने दिल की बातें नहीं कहीं थीं, लेकिन अपने घर में बता दिया था। इससे सरोज का परिवार बेहद ख़फ़ा था और घर में तनाव का माहौल था। रानी को इस बात की ख़बर लग गई और वो ये सब जानकर बहुत दुखी हुईं।
 
उन्होंने बताया, ''मैंने फ़ैसला कर लिया था कि अस्पताल से निकलने के बाद ओडिशा छोड़ दूंगी और मैंने यही किया।'' ख़ुशकिस्मती से इस बीच 'स्टॉप एसिड अटैक' नाम की संस्था ने रानी से संपर्क किया। यह संस्था तेज़ाबी हमले से पीड़ित लोगों के लिए काम करती है। 2016 के अंत तक रानी आगरा आ चुकी थीं और शीरोज़ कैफ़े में काम कर रही थीं।
 
वो बताती हैं, ''जब मैं ओडिशा छोड़कर आ रही थी तब सरोज खूब रोए थे और मैं भी। हालांकि तब भी इन्होंने नहीं कहा कि ये मुझसे प्यार करते हैं।'' आखिर 14 जनवरी को सरोज ने रानी को फ़ोन किया और अपने दिल में क़ैद सारे जज्बात ज़ाहिर कर दिए।
 
रानी बताती हैं, ''उनकी बात सुनकर मैं रो पड़ी। मुझे यक़ीन नहीं हो रहा था कि कोई मुझसे प्यार कैसे कर सकता है। उन्हें मेरे तेज़ाब से झुलसे चेहरे से प्यार हो गया था।'' उन्होंने सरोज को 'हां' तो कह दी लेकिन शादी को लेकर उनके मन में भी अब भी कई सवाल थे। रानी ने बताया, ''मैंने कहा था कि अगर मैं दोबारा देखने लगी तभी उनसे शादी करूंगी वरना नहीं। मैं नहीं जानती थी कि आगे क्या होगा लेकिन सरोज को भरोसा था कि मैं फिर देख सकूंगी।''
 
जुलाई 2017 में रानी आंखों के ऑपरेशन के लिए चेन्नई के एक अस्पताल में गईं। डॉक्टरों ने कहा था कि ऑपरेशन की प्रक्रिया बहुत लंबी है और इसके क़ामयाब होने की गारंटी भी नहीं है। रानी ने हिम्मत दिखाई ऑपरेशन के लिए तैयार हो गईं।
 
ऑपरेशन सफल रहा और जहां रानी को कुछ धुंधली आकृतियां दिखाई देने लगी थीं। इससे पहले उन्हें बिल्कुल नहीं दिखाई देता था। उन्होंने बताया, ''ऑपरेशन के बाद मैं पूरी तरह ख़ुश नहीं थी। मैंने सोचा था कि सबकुछ साफ दिखने लगेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डॉक्टरों ने धीरे-धीरे सुधार होने का भरोसा दिलाया था लेकिन मुझे ज़्यादा उम्मीद नहीं थी।''
 
ऑपरेशन के बाद वापस आगरा जाने के लिए प्लेन में बैठे। फ़्लाइट ने अभी टेकऑफ़ नहीं किया था। रानी अपनी सीट पर गुमसुम बैठी थीं कि अचानक उन्हें रंग दिखाई देने लगे और नज़र भी धीरे-धीरे साफ होने लगी। वो चहकते हुए बताती हैं, ''मैं उत्साह में भरकर सरोज की तरफ़ घूमी, जो मेरे बगल में ही बैठे थे। मैंने देखा कि वो पहले ही मुझे देख रहे थे। मैं ख़ुशी से चिल्लाई और उनके गले लग गई।''
 
फ़्लाइट में मौज़ूद सभी लोगों की नज़र अब रानी और सरोज पर थी। रानी ने बताया, ''एकदम फ़िल्मों जैसा सीन था। लोग आकर हमसे गले मिल रहे थे और बधाई दे रहे थे...।'' 
 
फ़िलहाल रानी नोएडा में शीरोज़ के पुनर्वास केंद्र का काम संभाल रही हैं और सरोज ओडिशा में काम रहे हैं। दोनों नए साल में सगाई करने की सोच रहे हैं। सरोज कहते हैं, ''मुझे रानी की आवाज़ बहुत पसंद है। वो किसी बच्ची जैसी मासूम है। मैं नहीं जानता कि मैं उससे इतना प्यार क्यों करता हूं।'' तो अब उनके माता-पिता रानी को बहू बनाने के लिए तैयार हैं?
 
"हां, मैंने उन्हें मना ही लिया। मैंने अपने पापा से पूछा कि अगर ऐसा कुछ मम्मी के साथ होता तो क्या वो उन्हें छोड़ देते? वो अब समझ गए हैं कि मैं रानी के अलावा किसी और से शादी नहीं करूंगा,'' सरोज हंसकर जवाब देते हैं।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

Vivo Y19s में ऐसा क्या है खास, जो आपको आएगा पसंद

क्या 9,000 से कम कीमत में आएगा Redmi A4 5G, जानिए कब होगा लॉन्च

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

આગળનો લેખ
Show comments