Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

'हमें बेहोश कर रेप किया जाता और वीडियो बनाया जाता'

'हमें बेहोश कर रेप किया जाता और वीडियो बनाया जाता'
, बुधवार, 18 अक्टूबर 2017 (14:18 IST)
- अभिमन्यु कुमार साहा 
"मुझे तीन जगहों पर बेचा गया। विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा और गोवा। उस समय मेरी उम्र महज़ 12 साल थी।"
 
यह कहानी है हैदराबाद की एक लड़की की, जिनका पूरा बचपन उन 'गंदी गलियों' में गुजरा, जहां वे देह व्यापार के पेशे में जबरन धकेल दी गई थीं। वो कहती हैं, "स्कूल जाने के दौरान मेरा अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद मुझे वेश्यावृत्ति के पेशे में झोंक दिया गया। हमारी हाज़िरी तभी बनती जब रोज़ का पचास हज़ार कमा कर देती थी।"
 
बीते सोमवार को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यर्थी की 'बचपन बचाओ, भारत बचाओ यात्रा' में शामिल होने दिल्ली पहुंचीं दो लड़कियों ने अपनी कहानी बीबीसी हिंदी को बताई। पेश है उनकी कहानी, उन्हीं की ज़ुबानी...
 
मेरा अपहरण हुआ...
मुझे पैदा होते ही कचड़े के डब्बे में फेंक दिया था। मेरे मां-बाप कौन हैं मुझे नहीं पता। एक पादरी ने मुझे पाला-पोसा और पढ़ाया। मुझे आज भी याद है, सातवीं कक्षा का रिजल्ट लेने स्कूल गई थी। इसी दौरान मेरा अपहरण कर लिया गया था। मेरे साथ कुल 15 लड़कियां थी। सभी को कहीं न कहीं बेच दिया गया। मुझे तीन जगहों पर बेचा गया। विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा और गोवा। कुछ दिनों के लिए मुझे मुंबई में भी रखा गया था।
 
मैं उस समय बच्ची थी, महज़ 12 साल की। हर तरह के लोग आते थे। बाप और चाचा की उम्र के भी। जब भी उनकी ज़रूरतों को पूरा करने से मना करती थी तो वे सिगरेट से शरीर दाग देते थे।
 
आंखों में मिर्ची पाउडर...
मैं बहुत रोती थी, अंदर ही अंदर चीखती थी, खुदकुशी करती थी...खुद से सवाल करती थी कि लड़कियों की जिंदगी ऐसी क्यों होती है? 
 
हमलोगों को काल-कोठरी में बंद रखा जाता था। ग्राहक आते थे तभी निकाला जाता था। हमलोग को वहां एक-दूसरे से बात करने तक नहीं दिया जाता था। अगर करती थी तो मिर्ची पाउडर आंखों में डाल दिए जाते थे। बेहोश कर रेप किया जाता था और वीडियो बनाए जाते थे। हम जैसे लोगों की हाज़िरी तभी लगती थी जब हम रोज़ का पचास हज़ार रुपये कमा कर देते थे।
 
बहुत ही खौफनाक था...
टारेगट पूरा नहीं होने पर उस को अनुपस्थित करार दिया जाता था और सज़ा में रात को नशीला पदार्थ पिलाकर बुरी तरह पीटा जाता था। ये बहुत ही खौफनाक होता था। सुबह पांच बजे से रात के एक बजे तक मैं और मेरी जैसी लड़कियां ग्राहकों के साथ समय गुज़ारती थीं। और जिस दिन टारगेट पूरा नहीं होता था, उस दिन डिस्को में नाचती थी।
 
एक दलाल के पास 30-40 कमरे होते हैं। उसके कैदी अधिकतर छोटी उम्र की लड़कियां ही होती है। जो भी नई बच्ची आती थी वो पहले पुलिसवालों की भेंट चढ़ती थी। बदले में वो दलालों को रेड की जानकारी मुहैया कराते थे। जो मेरे साथ हुआ वो अब किसी छोटी उम्र की बच्ची के साथ न हो, इसके लिए अब मैं देशभर के रेड लाइट एरिया जाकर पुलिस की मदद से उन्हें निकालती हूं।
 
उन्हें बचाने के दौरान रेड लाइट एरिया में चाकू लगा है, गोली खाई है। मेरी जिंदगी का अब मकसद है एक ही है...मेरे मरने तक सभी रेड लाइट एरिया बंद हो जाए और मैं आराम से मर सकूं।
 
दूसरी कहानी...
मेरा परिवार बहुत गरीब था। पैसे की कमी के चलते पढ़ाई बंद करवा दिया गया था। उस समय में 14 साल की थी। मैं घर की बड़ी बेटी थी। मुझ पर दबाव डाला जाता था, जाओ कुछ काम करो, पैसा कमा कर लाओ। मैं क्या करती, मजबूरन हैदराबाद शहर चली गई। कई दिनों तक घूमी।
 
एक दिन शॉपिंग मॉल के सामने बैठी थी। एक लड़की मेरे पास आई और मुझसे मेरे बारे में पूछा। मैंने अपनी परेशानी बताई। उन्होंने मुझे प्यार दिया और काम देने का वादा किया। मैं उन पर भरोसा कर चली गई। एक दिन उसने अपने पति के साथ मिलकर मुझे हैदराबाद के निकापल्ली में रहने वाले के एक परिवार में बेच दिया। वो परिवार एक बड़ी बिल्डिंग के सबसे ऊपरी मंजिले पर रहता था। मुझे एक कोने के अंधेरे कमरे में रखा जाता था, जहां से अगर मैं चिल्लाती भी तो कोई सुन नहीं पाता।
 
परिवार का इनकार...
उस छोटी उम्र में दिनभर में कई ग्राहक खुश करना होता था। शरीर जवाब दे देता था तो मैं उनसे विनती करती, पर वो नहीं सुनते थे। अपनी जरूरत पूरी करने के बाद वो चले जाते थे। हर रोज रोती थी। रोशनी क्या होती है, देख नहीं पाती थी। ऐसे कई दिनों तक चला। सोसाइटी में बहुत सारे घर थे, पर उन घरों में एक काल कोठरी होती थी, जहां बच्चियों को 'भूखे' लोगों को परोसा जाता था और किसी को पता तक नहीं चलता।
 
वहां से निकलने के बाद मुझे पता चला कि मुझे 1.20 लाख में बेचा गया था। एक एनजीओ की मदद से मैं वहां से निकली, पर जब घर लौटना चाही तो घर वालों ने भी अपनाने से इंकार कर दिया।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दुनिया के सभी वाई-फाई नेटवर्कों पर खतरा